- बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले सितंबर-अक्टूबर में अपराध की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं, खासकर राजधानी पटना में हत्या की वारदातें हुई हैं.
- राज्य में पिछले चौदह दिनों में कम से कम 28 लोगों की हत्या हुई है, जिनमें राजनीतिक नेता, वकील, किसान और कारोबारी शामिल हैं.
- बिहार के एडीजी कुंदन कृष्णन ने बढ़ती हत्याओं को किसानों के खाली समय से जोड़ा, यह बयान कई नेताओं ने अतार्किक और विवादास्पद बताया है.
Bihar Murder Timeline: बिहार में इसी साल सितंबर-अक्टूबर में विधानसभा चुनाव होना है. लेकिन चुनाव से पहले राज्य में बीते कुछ दिनों से अपराध का ग्राफ काफी तेजी से बढ़ा है. राजधानी पटना में कारोबारी गोपाल खेमका की हत्या से शुरू हुआ अपराध का सिलसिला लगातार जारी है. गुरुवार को पटना के पारस हॉस्पिटल में भर्ती एक बंदी की गोली मारकर हत्या कर दी गई. इस बीच जदयू, भाजपा, राजद के नेताओं के साथ-साथ वकील, किसान, कारोबारियों की भी हत्याएं हुई हैं. ये जो हत्याएं हुई हैं, उसमें कई दागदार छवि के लोग भी शामिल थे, कई की हत्या आपसी रंजिश, जमीन विवाद जैसी वजहों से भी हुई है. लेकिन जिस तरह से राज्य में दिन दहाड़े हत्याएं हो रही हैं. उससे कानून व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं.
अपराध बेलगाम, उस पर एडीजी का अटपटा बयान
विपक्षी दलों के साथ-साथ एनडीए के सहयोगी भी बिहार सरकार की कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े कर रहे हैं. इस बीच गुरुवार को बिहार के एडीजी कुंदन कृष्णन का एक अटपटा बयान सामने आया है. एडीजी ने राज्य में बढ़ी आपराधिक घटनाओं को लेकर किसानों के खाली समय को वजह बताया. उन्होंने यह भी कहा कि बारिश होगी और किसान अपने काम में व्यस्त हो जाएंगे तो हत्या जैसी घटनाएं घट जाएगी.
एडीजी के बयान को कई नेताओं ने बताया अतार्किक
एडीजी के इस बयान को डिप्टी सीएम विजय सिन्हा, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव सहित कई लोगों ने अतार्किक बताया है. इस बीच राज्य में जिस तरह से आपराधिक घटनाएं बढ़ी हैं, उससे सुरक्षा एक बड़ा मुद्दा हो गया है. राज्य में बीते 14 दिन में 28 लोगों की हत्याएं हुई है. हत्या का यह आकंड़ा इससे अधिक ही होगा, क्योंकि इसमें प्रेम प्रसंग सहित अन्य कारणों से हुई हत्याओं को नहीं जोड़ा गया है.
बिहार में बीते 14 दिन 28 लोगों की हत्या
17 जुलाई-
- चंदन मिश्रा की पारस अस्पताल में हत्या.
- खगड़िया में जदयू नेता राजकिशोर निषाद की हत्या.
- दानापुर में 20 वर्षीय युवक की धारदार हथियार से गला रेत कर हत्या.
16 जुलाई-
- मोतिहारी में 60 वर्षीय उपेन्द्र सिंह की हत्या.
14 जुलाई-
- सीतामढ़ी में पुटू खान की गोली मारकर हत्या.
13 जुलाई
- पटना में अधिवक्ता जितेंद्र कुमार की हत्या.
- पटना में भाजपा नेता सुरेंद्र केवट की हत्या.
- सीतामढ़ी में किसान राघव प्रसाद साह की गोली मारकर हत्या.
- नालंदा में 60 वर्षीय सुशीला देवी की हत्या.
- बेगूसराय में सत्यम नामक युवक की धारदार हथियार से वार कर हत्या.
- बक्सर में किसान लालू यादव की गोली मार कर हत्या.
12 जुलाई
- मुजफ्फरपुर में किसान राम सिंगार की खेत में हत्या.
- नालंदा में जेल से निकले रवि कुमार की गोलियों से भून कर हत्या.
10 जुलाई
- पटना में बालू कारोबारी रमाकांत यादव की हत्या.
- जहानाबाद में 70 वर्षीय किसान शिवनंदन बिंद की हत्या.
- नालंदा में 22 वर्षीय सोनम की हत्या.
6 जुलाई
- पूर्णिया में एक ही परिवार के 5 लोगों की जिंदा जलाकर हत्या.
- मुजफ्फरपुर में मोहम्मद मुमताज की चाकू गोद कर हत्या.
- नालंदा में दो बच्चों की गोली मारकर हत्या.
- 16 वर्षीय हिमांशु और 20 वर्षीय अन्नू की हत्या.
4 जुलाई
- पटना में व्यवसाई गोपाल खेमका की हत्या.
- सीवान में ट्रिपल मर्डर.
प्रशांत किशोर बोले- एडीजी को अपने आंख की जांच करनी चाहिए
एडीजी कुंदन कृष्णन के बयान पर प्रशांत किशोर ने पारस हॉस्पिटल में हुए मर्डर पर सरकार और ADG को घेरा, बोले - ADG का बयान उनकी मानसिकता को दिखाता है, अगर मर्डर करने वाले लोग उन्हें किसान दिख रहे तो उन्हें अपने आंख की जांच करानी चाहिए.
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