बिहार के मंत्री मुकेश सहनी ने अपनी ही सरकार के खिलाफ बगावती तेवर दिखा दिए हैं. उन्होंने गठबंधन से अलग विधानपरिषद चुनाव में प्रत्येक सीट पर अपने उम्मीदवार उतारने का ऐलान कर दिया है. सहनी ने विधान परिषद की 24 सीटों के चुनाव के लिए रविवार को अपनी विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के उम्मीदवारों की घोषणा की. इससे एनडीए के साथ उनके मतभेद खुलकर सामने आ गए हैं. बिहार विधानपरिषद चुनाव में बीजेपी ने 12 सीटों के लिए जबकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जेडीयू ने 11 सीटों पर प्रत्याशी खड़े किए हैं.
दोनों दलों ने केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस की लोक जनशक्ति पार्टी के लिए एक सीट छोड़ी है. सहनी ने सात सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़ा करने और 15 अन्य सीटों पर एनडीए को समर्थन देने की घोषणा की है.वीआईपी जिन सात सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है उन पर बीजेपी ने अपने उम्मीदवार उतारे हैं. सहनी को 2020 विधानसभा चुनाव के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के कहने पर एनडीए में शामिल किया गया था. उस समय वह राजद की अगुवाई वाला महागठबंधन को छोड़कर शाह से मिले थे.
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान सहनी और बीजेपी के रिश्ते में खटास आ गई थी. सहनी की पार्टी ने उत्तर प्रदेश में 50 से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ा था और उसका प्रदर्शन फीका रहा था. सहनी ने कहा कि वह बोचहां विधानसभा सीट पर अपना दावा नहीं छोड़ेंगे, जहां उपचुनाव होना है. बिहार विधानपरिषद चुनाव में विपक्षी दल राजद और सत्तारूढ़ एनडीए के बीच जोर आजमाइश के तौर पर देखा जा रहा है. कांग्रेस ने भी सहयोगी दल राजद से अलग उम्मीदवार उतारे हैं.
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