नीतीश कुमार और बिहार की राजनीति के लिए आज का दिन बेहद महत्वपूर्ण है. बिहार विधानसभा में आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बहुमत साबित कर दिया है. इससे पहले विधानसभा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि हम अपनी पुरानी जगह आ गए हैं, लेकिन किसी का नुकसान नहीं पहुंचाएंगे. बिहार विधानसभा में राजद नेता तेजस्वी ने कहा, "क्या प्रधानमंत्री मोदी इस बात की गारंटी दे सकते हैं कि नीतीश कुमार फिर से पाला नहीं बदलेंगे." साथ ही उन्होंने कहा कि कोई आए न आए, जब समय आएगा तो तेजस्वी आएगा. इस बीच स्पीकर अवध बिहारी चौधरी के खिलाफ लाया गया. वहीं, RJD के 3 विधायक NDA खेमे में पहुंच गए हैं. अविश्वास प्रस्ताव एनडीए और महागठबंधन के बीच शह-मात का खेल जारी है. दोनों ही गठबंधनों की तरफ से अपने-अपने विधायकों को साधने का प्रयास जारी है. पिछले कुछ दिनों में इस बात की आशंका जतायी जा रही है कि जदयू और बीजेपी के कुछ विधायक विद्रोह कर सकते हैं.
नीतीश कुमार की अगुवाई वाली जनता दल (यूनाइटेड) ने रविवार को विश्वास जताया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ मिलकर नयी सरकार बनाने वाले नीतीश कुमार सोमवार को विश्वास मत हासिल कर लेंगे.
विश्वास मत से पहले बिहार की राजधानी में राजनीतिक पारा चढ़ रहा है, सभी प्रमुख दल अपने विधायकों को एकजुट रखने की दिशा में काम कर रहे हैं. दो दिवसीय कार्यशाला में भाग लेने के लिए बोधगया में मौजूद रहे भाजपा विधायकों को रविवार देर शाम राज्य की राजधानी वापस लाया गया. पार्टी के पास 78 विधायक हैं.
Highlights...
बिहार विधानसभ में नीतीश सरकार ने विश्वास मत हासिल कर लिया है. 129 विधायकों के समर्थन के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार ने फ्लोर टेस्ट जीता है. इस दौरान आरजेडी के तीन विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की. साथ ही विपक्ष ने सदन की कार्यवाही से वॉकआउट भी किया.
विधानसभा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि हम अपनी पुरानी जगह आ गए हैं, लेकिन किसी का नुकसान नहीं पहुंचाएंगे. बिहार में विकास कार्य चलते रहेंगे. राज्य के हित में काम करते रहेंगे. अब हम यहां आ गए हैं, और यहीं रहेंगे. सबको साथ लेकर चलेंगे.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा, "2005 से पहले लोग शाम को घर से बाहर निकलने से डरते थे. अब महिलाएं भी रात को बिना डर के घरों से बाहर निकलती हैं. महिलाएं आज पढ़ रही हैं. पहले महिलाएं कहां पढ़ती थीं? हमने लगातार काम किया है. हम किसी के खिलाफ नहीं है. हम हर गड़बड़ी की जांच करेगे.
विधानसभा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि 2005 से जब हमको काम करने का मौका मिला, तब से हम लगातार जनता के लिए काम कर रहे हैं. इसके बाद से बिहार का कितना विकास हुआ है, ये दिखता है. इससे पहले इनके (तेजस्वी यादव) पिता और माता ने 15 साल तक राज किया, तब कैसा माहौल था.. लोग शाम को बाहर निकलने से डरते थे.
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने सरकार द्वारा लाए गए विश्वास प्रस्ताव का समर्थन करते हुए कहा, "तेजस्वी जी से कहना चाहता हूं कि संगति बहुत महत्वपूर्ण चीज है. इसके साथ में हम रहेंगे तो जरूर हमारी मानसिकता में कहीं न कहीं गड़बड़ी आ जाएगी. निश्चित रूप में इस प्रकार के हमारे तेजस्वी और उनके साथी लोग हैं और बिहार में 2005 के पहले की स्थिति पैदा कर रहे थे.
आरजेडी विधायक सुदामा प्रसाद ने फ्लोर टेस्ट के दौरान कहा कि हम जातीय गणना के मुद्दे और अन्य मुद्दों पर लड़ाई जारी रहेंगे. साथ ही उन्होंने कहा, "नीतीश कुमार का नाम नौवीं बार शपथ लेने वाले मुख्यमंत्री के रूप में दर्ज किया जाएगा. लेकिन पीपुल बुक में भी लिखा जाएगा कि इनके इस उल्टा-पलटी ने बिहार के लाखों नौजवानों के बेहतर भविष्य की आकांक्षाओं का खून कर दिया. नौजवानों के अंदर रोजगार पाने की जो आकांक्षा पैदा हुई थी, जिसे खत्म कर दिया. बिहार में जो काम 17 सालों में नहीं हुआ, वो महागठबंधन की सरकार ने 17 महीनों में लाखों युवकों को नौकरी देकर कर दिखाया. ये साबित किया कि अगर सरकार चाहे, तो नौकरियां दे सकती है.
आरजेडी विधायक शकील अहमद खान ने कहा कि देश सिद्धांतों पर चलता है. अगर आपमें अपनी बातों पर डटे रहने की हिम्मत नहीं है, तो आपकी इज्जत तारीख में नहीं होती है. आज नीतीश सरकार के मंत्री अपने पुराने साथियों पर प्रहार कर रहे हैं. आप हमेशा अपने मुद्दों को बदलते रहते हैं, इसलिए आपको इतिहास याद नहीं रखेगी. ये गठबंधन सिद्धांतही नहीं है.
उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने तेजस्वी यादव पर तंज कसते हुए कहा, "मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जातीय गणना कराई... इसके तहत आर्थिक और शैक्षणिक सर्वे भी कराया गया. 34 प्रतिशत लोग, 94 लाख परिवारों का 6 हजार रुपये प्रतिमाह से कम आमदनी है. जहां पर हमारे बिहार में लाखों परिवार 6 हजार से कम में गुजारा कर रहे हैं, वहां ये (तेजस्वी यादव) चार्टर्ड विमान पर बर्थडे मनाते हैं. क्या यही समाजवादी का चरित्र था. अगर ये हिम्मत तो 6 हजार रुपये से कम आमदनी वाले लोगों को नौकरी, रोजगार और नियोजन में मिलने वाले लाभ में साथ दें.
उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने कहा कि आपके 15 साल के जंगलराज में लोग बिहार से पलायन के लिए मजबूर हुए. लोगों ने यहां से अपना कारोबार बंद किया. हमारे राज्य के प्रतिभावान युवा दूसरे राज्यों में मजदूरी करने के लिए मजबूर हुआ. निवेशक बिहार में नहीं आया... आपका यही उपलब्धि है. ये भूल गए... खेत लिखवाकर नौकरियां देते थे.
उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने तेजस्वी यादव पर पलटवार करते हुए कहा कि ये क्रेडिट की बात करते हैं... न नीयत है, न विजन है. ये लोकतंत्र के रक्षक कभी नहीं हो सकते हैं. मुख्यमंत्री नतीश कुमार ने आप पर दया की. आपको बदलने का मौका दिया. जंगलराज से जनता की सेवा करने मौका दिया. लेकिन आपके चरित्र में कोई बदलाव नहीं आया. इन लोगों ने बिहार में माहौल खराब कर दिया था.
बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने तेजस्वी यादव पर पलटवार करते हुए कहा कि वंशवाद के कारण विवश होकर इनकी प्रताड़ना हमने देखी है. लोगों का नेचर और सिग्नेचर नहीं बदलता है. बिहार में ऐसे कई विधायक ऐसे हैं, जो क्षमतावान हैं, लेकिन उन्हें तवज्जो नहीं दी गई. मुझे पार्टी के नेतृत्व ने जो जिम्मेदारी दी, हमने ईमानदारी से निर्वहन करने का प्रयास किया. ये सत्ता के लिए समझौता करने वाले लोग हैं.
बिहार विधानसभा में राजद नेता तेजस्वी ने कहा कि कोई आए न आए... जब समय आएगा, तब तेजस्वी आएगा. हम लोग बिहार के हित और तरक्की के लिए, स्थिरता जब तक नहीं रहेगी सरकार में तब तक विकास संभव नहीं है.
तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार में जाति आधारित गणना को रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट में सॉलिसिटर जनरल को खड़ा कर दिया था. कर्पूरी ठाकुर जी के साथ, हमारे पिता के साथ काम कर चुके है. आपको तो पता था कि जनसंघ उस सरकार में था, कर्पूरी जब आरक्षण बढ़ा दिए, तो यही जनसंघ वाला ही उनको हटाया था. नीतीश कुमार जी आप वहीं जाकर बैठ गए.
बिहार फ्लोर टेस्ट के दौरान बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम और राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा, "...हम आपको (सीएम नीतीश कुमार) अपने परिवार के सदस्य के रूप में सोचते हैं. हम समाजवादी परिवार से हैं...जो आप झंडा ले कर के चले थे कि मोदी को देश में रोकने हैं, अब आपका भतीजा झंडा उठा कर के मोदी को बिहार में रोकने का काम करेगा."
तेजस्वी यादव ने कहा, "मैं राज्य का उपमुख्यमंत्री था, तो नीतीश कुमार जी को मुझे बताना चाहिए था कि वह अलग होने जा रहे हैं. लेकिन इस बार तो आप अकेले ही राज्यपाल से मिलने चले गए. लेकिन आपने जो मोदी सरकार के खिलाफ झंडा उठाया था, उसे आपका भतीजा बिहार में बुलंद रखेगा और भाजपा पर रोकेगा. क्या प्रधानमंत्री मोदी इस बात की गारंटी दे सकते हैं कि नीतीश कुमार फिर से पाला नहीं बदलेंगे.
तेजस्वी यादव ने कहा, "बिहार की जनता ये जानना चाहती है कि आखिर नीतीश कुमार ने पाला क्यों बदला. नीतीश कुमार जी जब आप राज्यपाल भवन से बाहर आए थे, तब आपने कहा था कि हमारा मन नहीं लग रहा था, इसलिए महागठबंधन से बाहर आ रहे हैं. क्या हम आपका मन लगाने के लिए नाचने लगें...? हम तो आपके साथ काम करने के लिए साथ आए थे. लेकिन आपने अब पाला बदल लिया.
नीतीश कुमार की हम हमेशा इज्जत करते हैं और करते रहेंगे. इनके साथ हमने काम किया. ये कहते रहे कि मुझे अपना बेटा मानते थे. ये राम की बात करते हैं... मैं दशरथ के रूप में नीतीश कुमार के रूप में देखते हैं. नीतीश कुमार की भी राजा दशरथ की तरह कुछ मजबूरियां रही होंगी.
बिहार विधानसभा के अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी को अविश्वास प्रस्ताव के जरिए पद से हटा दिया गया. विधानसभा के स्पीकर को हटाए जाने के पक्ष में 125 वोट पड़े. वहीं, प्रस्ताव के विपक्ष में सिर्फ 112 वोट डाले गए.
बिहार विधानसभा में अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग हो रही है. अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में ज्यादा विधायक नजर आ रहे हैं.
विधानसभा सत्र के दौरान बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम और राजद नेता तेजस्वी यादव का कहना है, "मतदान खत्म होने तक विधायक अपनी-अपनी सीटों पर बैठे रहें, नहीं तो वोटिंग अवैध मानी जाएगी." इसे डिप्टी स्पीकर ने खारिज कर दिया. बिहार विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी को हटाने के प्रस्ताव पर फिलहाल राज्य विधानसभा में चर्चा चल रही है.
बिहार विधानसभा की कार्यवाही के दौरान आरजेडी विधायक भूदेव चौधरी ने जेडीयू पर हमला करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी पर ये कैसा दबाव है. मुख्यमंत्री कहते थे कि मिट्टी में मिल जाएंगे, लेकिन बीजेपी के साथ नहीं जाएंगे. लेकिन आज वह बीजेपी के साथ ही जा रहे हैं. क्या हुआ नीतीश कुमार का वादा.
बिहार विधानसभा के अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया. इसके बाद उन्होंने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया. अवध बिहारी चौधरी ने वोटिंग से पहले ही अपने पद से इस्तीफा दे दिया. इस समय सदन की कार्यवाही उपसभापति चला रहे हैं.
बिहार विधानसभा में स्पीकर अवध बिहारी चौधरी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया. बीजेपी विधायक नंद किशोर यादव ने अविश्वास प्रस्ताव को सदन के पटल पर रखा.
बिहार के राज्यपाल राजेंद्र अर्लेकर ने राज्य विधानसभा को संबोधित करते हुए कहा कि विधानसभा सत्र के दौरान वित्तीय विधायी एवमं अन्य महत्वपूर्ण कार्य संपन्न होने हैं. बिहार विधानमंडल के सभी सदस्यों के लिए बिहार के विकास के लिए रचनात्मक भूमिका अदा करने की अपेक्षा करता हूं. आपके बहुमूल्य सुझाव एवमं विमर्श से बिहार की प्रगति को बल मिलेगा. राज्य सरकार ने हमेशा सुशासन एवमं न्याय के साथ विकास पर जोर दिया है.
सीएम नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के फ्लोर टेस्ट से पहले, राजद विधायक भाई वीरेंद्र पटना ने बिहार विधानसभा में पहुंचते ही विजय चिन्ह दिखाया. और कहा- "महागठबंधन एकजुट है..."
फ्लोर टेस्ट से पहले बिहार के मंत्री और जेडीयू नेता विजय कुमार चौधरी ने कहा हैं, "आज सिर्फ दो चीजें होंगी... स्पीकर को खुद ही पद छोड़ देना चाहिए, नहीं तो उन्हें हटा दिया जाएगा और दूसरा, सरकार बहुमत परीक्षण जीत जाएगी... हमारे सभी विधायक हमारे संपर्क में हैं."
बिहार विधानसभा अध्यक्ष और राजद नेता अवध बिहारी चौधरी सीएम नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के फ्लोर टेस्ट से पहले पटना में बिहार विधानसभा पहुंचे.
पटना के एसएसपी राजीव मिश्रा ने बताया, "आज विधानसभा सत्र को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की गई है. आज सत्र का पहला दिन है. सदन के अंदर जो कुछ भी होता है, उससे हमारा कोई लेना-देना नहीं है... "
पटना में विधायकों की बैठक में मौजूद नहीं रहने पर बरबीघा विधायक सुदर्शन कुमार ने कहा, "मेरे क्षेत्र में साईं महोत्सव का आयोजन किया गया था और वहां उपस्थित रहना महत्वपूर्ण था. इसमें निराश या नाराज होने की कोई बात नहीं है. हम सरकार के पक्ष में मतदान करेंगे...अब कोई दिक्कत नहीं है.
पटना में सीएम नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के फ्लोर टेस्ट से पहले बिहार विधानसभा में सुरक्षा अधिकारी तैनात किए गए हैं. विधानसभा के आसपास लोगों को जमा होने नहीं दिया जा रहा है.
बिहार में फ्लोर टेस्ट पर कांग्रेस नेता जयराम रमेश का कहना है, "...जब 'पल्टी कुमार' शासन कर रहे हैं, तो कौन जानता है कि वह किधर मोड़ लेंगे. फ्लोर टेस्ट महत्वपूर्ण है. झारखंड में फ्लोर टेस्ट 5 फरवरी और 2020 को किया गया था. बिहार को 12 फरवरी तक का समय दिया गया था. यह सब एक साजिश है... इंडिया गठबंधन एकजुट है..."
बिहार में पटना के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के आवास के बाहर जुटे राजद समर्थक. राजद विधायक यहां डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के आवास पर ठहरे हुए हैं. सीएम नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार का फ्लोर टेस्ट आज विधानसभा में होगा.
बिहार फ्लोर टेस्ट पर बीजेपी नेता शाहनवाज हुसैन ने कहा, "नीतीश कुमार के नेतृत्व में जेडीयू-एनडीए सरकार फ्लोर पर अपना बहुमत साबित करेगी. हमारी संख्या बढ़ने वाली है. विपक्ष चाहे कुछ भी कर ले, कुछ नहीं होगा. बिहार में जंगलराज नहीं लौटेगा..."
बिहार में फ्लोर टेस्ट पर राजद नेता मृत्युंजय तिवारी ने कहा, "सत्य परेशान हो सकता है, लेकिन पराजित नहीं...कुछ ही घंटों में सब पता चल जाएगा. लोकतंत्र की जीत होगी. सभी विधायकों ने बिहार को बचाने का संकल्प लिया है. इसका भविष्य और इसके लिए मौजूदा सरकार को सत्ता से हटाने की जरूरत है..."
कांग्रेस विधायक सोमवार तक राजद और वाम दलों के विधायकों के साथ 5, देशरत्न मार्ग पर रहेंगे, जो तेजस्वी यादव का सरकारी बंगला है. यह बंगला तेजस्वी यादव को तब आवंटित किया गया था जब वह उपमुख्यमंत्री थे. 'महागठबंधन' में कांग्रेस, राजद और वाम दल शामिल हैं. महागठबंधन ने जनता दल यूनाइटेड (जदयू) अध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में अचानक वापसी के परिणामस्वरूप करीब एक महीने पहले राज्य की सत्ता गंवा दी थी.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई वाली जनता दल (यूनाइटेड) ने रविवार को विश्वास जताया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ मिलकर नयी सरकार बनाने वाले कुमार सोमवार को विश्वास मत हासिल कर लेंगे. राज्य के संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी ने जद (यू) विधायक दल की बैठक में "दो या तीन विधायकों" की अनुपस्थिति को अधिक तवज्जों नहीं दी और इसके लिए 'अपरिहार्य परिस्थितियों'को जिम्मेदार ठहराया, जिनके बारे में उन्होंने (विधायकों) पूर्व सूचना दी थी.
नीतीश कुमार को यकीन है कि वह बहुमत साबित कर देंगे. बिहार विधानसभा में 243 सदस्य हैं. सरकार बनाने के लिए किसी भी दल को 122 विधायकों के समर्थन की जरूरत होगी. विधानसभा में राजद सबसे बड़ी दल है. राजद के पास 79 विधायक हैं. वहीं बीजेपी के 78 विधायक हैं. जदयू के 45, कांग्रेस के 19, भाकपा माले के 12, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर) के 4, सीपीआई के 2, सीपीआई (एम) के 2, एआईएमआईएम के 1 और एक निर्दलीय विधायक हैं.