बिहार (Bihar) में एक नया घोटाला सामने आया हैं. इस बार ये घोटाला मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) मंत्रिमंडल में भाजपा (BJP) के वरिष्ठ नेता और उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद (Tarkishore Prasad) से संबंधित है. जिनके गृह जनपद कटिहार में राज्य सरकार की 'हर घर नल का जल' योजना से संबंधित करीब 53 करोड़ के ठेके उनके बेटी और साले के कंपनियों को दिये गए. भाजपा के बिहार इकाई के अध्यक्ष संजय जायसवाल ने सफ़ाई दी है कि ये ठेके जब वो विधायक थे तब मिले और उप मुख्यमंत्री बनने के पूर्व पूरा कर लिया गया. बिहार सरकार की इस योजना के बारे में आज इंडियन एक्सप्रेस ने उजागर किया है. इस मामले को पूर्व में सार्वजनिक करने वाले पूर्व मंत्री और अब राष्ट्रीय जनता दल के नेता रामप्रकाश महतो का कहना है कि जब भी इससे संबंधित शिकायत की गयी तो बिहार पुलिस द्वारा ग्रामीणों को धमकाया जाता था.
'हर घर नल का जल' योजना का हाल बेहाल है, ग्रामीणों का कहना है कि जब से 'हर घर नल का जल' योजना का काम हुआ है तब से नल में पानी नहीं मिल रहा तो कहीं नल का पाइप टूटा हुआ है.
हर ग्रामीण की यही शिकायत है की काम इतना घटिया हुआ कि नल हैं तो जल नहीं. टंकी बना तो पानी नहीं. काम करने वाले उस समय के स्थानीय विधायक और अब उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद सुनने को तैयार नहीं. विभागीय आंकड़े के अनुसार तार किशोर प्रसाद की बेटी और साले और कई स्टाफ़ की कम्पनियों को कुल 53 करोड़ के ठेके मिले और उसका तर्क यह दिया जा रहा है कि उनका टेंडर में सबसे कम रेट था.
वही बिहार सरकार के पूर्व शिक्षा राज्य मंत्री ने इस मामले को सबसे पहले उठाया था. वह अब पूरे मामले की जांच की मांग कर रहे है. वहीं, इस मामले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और तार किशोर प्रसाद ने कोई सफ़ाई नहीं दी है.
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