हमेशा विवादास्पद टिप्पणियों के लिए चर्चा में रहने वाले बिहार के कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने आज नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया. इसकी पुष्टि बिहार राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने की. वे सुधाकर सिंह के पिता भी हैं.
बिहार के कृषि मंत्री सुधाकर सिंह पिछले महीने अपने एक बयान को लेकर चर्चा में रहे थे. सुधाकर सिंह ने कैमूर में एक सभा में कहा था कि कृषि विभाग में कई चोर हैं, वो चोरों के सरदार हैं और उनके ऊपर भी कई चोर हैं. इस बयान पर विवाद होने और सीएम नीतीश कुमार के टोकने के बाद सिंह ने कहा था कि वे अपने बयान पर कायम हैं, अगर चाहें तो इस्तीफा ले लें.
पिछले माह बिहार के कृषि मंत्री सुधाकर सिंह के बयान को लेकर सियासत गरमाई रही. बाद में पटना में हुई कैबिनेट की बैठक के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सुधाकर सिंह को टोका था और कहा था कि सार्वजनिक रूप से बयान देने में उन्हे सावधानी और संयम रखना चाहिए. इस पर सुधाकर सिंह ने कहा था कि वे अपने बयान पर कायम हैं और अगर चाहे तो इस्तीफ़ा दे सकते हैं. उसके बाद वे वहां से निकल गए थे. जैसे ही यह खबर लीक हुई, तो सुधाकर सिंह का कहना था कि पार्टी सुप्रीमो लालू यादव और तेजस्वी यादव जो भी कहेंगे उनको मंज़ूर होगा. वे चाहेंगे कि वे लोग उनको दिशा-निर्देश दें.
सुधाकर सिंह ने कैमूर में एक सभा में कहा था कि हमारे विभाग का कोई ऐसा अंग नहीं जो चोरी नहीं करता. हम इस तरह से चोरों के सरदार हुए. आप अगर पुतला फूंकते रहिएगा तो मुझे याद रहेगा कि किसान नाराज हैं. अगर ऐसा नहीं करोगे तो मुझे लगेगा सब ठीक चल रहा है. लोहिया जी ने ठीक कहा था कि संसद हमारा हो जाए तो लोगों को सड़क पर उतरना चाहिए. हम ही अकेले सरदार नहीं, हमारे ऊपर भी कई लोग हैं. उन्होंने ये भी कहा कि बीज निगम वाले किसानों की मदद करने के बजाय 100-150 करोड़ की चोरी कर लेते हैं.
कैबिनेट बैठक के बाद कृषि मंत्री सुधाकर सिंह से उनकी नाराजगी को लेकर पूछा गया था तो उन्होंने कहा था कि कैबिनेट की बैठक से निकला हूं. मैं कहां नाराज हूं. बैठक के बाद क्या किसी ने कुछ कहा. मैं कहां नाराज हूं. इससे पहले चर्चा थी कि सुधाकर सिंह कैबिनेट की बैठक से जल्दी निकल गए और उनके इस्तीफे को लेकर भी अटकलें लगाई जा रही थीं, हालांकि तब उन्होंने इसे सिरे से खारिज कर दिया था. उन्होंने कहा था कि विभाग की गड़बड़ियों को सुधारूंगा.
इसके अलावा सुधाकर सिंह ने लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव को अपना नेता बताया था और कहा था कि उनके कहने से पद पर हैं. हम उस विचार से पीछे हटने वाले नहीं हैं. जब पत्रकारों ने उनसे सवाल किया था कि गठबंधन के नेता नीतीश कुमार हैं और शहाबुद्दीन ने भी ऐसा ही कुछ कहा था तो उन्होंने कहा कि पिछले 17 साल में शहाबुद्दीन के साथ कई नेता परेशान रहे. बहुत तकलीफें झेली हैं, शहाबुद्दीन की तो जेल में ही मृत्यु हो गई. सिर्फ शहाबुद्दीन ही अकेले नेता नहीं हैं, उनके साथ जॉर्ज फर्नांडिस और आनंद मोहन भी सरकार में परेशान रहे हैं. मैं खुद जेल गया हूं, सबको पता है कि मैं क्यों जेल गया. सरकारों की मार से कोई नहीं बचा.