"मुझे ज़बरदस्ती पुलिस कस्टडी में रखा गया...": स्वाति मालीवाल से मारपीट मामले में बिभव कुमार ने दाखिल की याचिका

सोमवार को, बिभव कुमार की जमानत याचिका एक सत्र अदालत ने यह कहते हुए खारिज कर दी थी कि प्रतीत होता है कि प्राथमिकी दर्ज कराने का मालीवाल का कोई 'पूर्व-नियोजित' इरादा नहीं था और उनके द्वारा लगाए गए आरोपों को 'खारिज' नहीं किया जा सकता.

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कुमार के खिलाफ भारतीय दंड संहिता के विभिन्न प्रावधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी.
नई दिल्ली:

आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल के साथ हुई मारपीट और बदसलूकी के मामले में सीएम अरविंद केजरीवाल के पीए बिभव कुमार ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है. जिसपर कल सुनवाई की मांग की है. याचिका में बिभव कुमार ने कहा है कि मेरी गिरफ़्तारी अवैध है. मुझे ज़बरदस्ती पुलिस कस्टडी में रखा गया है. ज़बरदस्ती कस्टडी में रखने का मुआवज़ा मिले और पुलिस वालों के ख़िलाफ़ विभागीय जांच हो. राष्ट्रीय राजधानी स्थित एक अदालत ने मंगलवार को आरोपी बिभव कुमार को तीन दिन के लिए दिल्ली पुलिस की हिरासत में भेज है.

अदालत ने कहा था कि दिल्ली पुलिस को उस मोबाइल फोन को बरामद करने के उसके 'अधिकार से वंचित' नहीं किया जा सकता, जो मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास पर कथित हमले के समय कुमार के पास था. मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास पर 13 मई को आम आदमी पार्टी (आप) की राज्यसभा सदस्य मालीवाल के साथ कथित तौर पर मारपीट की गई थी.

मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट गौरव गोयल ने कहा, 'जिस कमरे में एनवीआर (नेटवर्क वीडियो रिकॉर्डर) स्थापित है, वहां आरोपी की मौजूदगी से उसने खुद या उसके वकील ने इनकार नहीं किया है. इस अदालत के विचार में, पर्याप्त समय तक वहां रहने का कारण स्पष्ट रूप से एक प्रश्न है जिसकी पड़ताल किए जाने की आवश्यकता है जिसके लिए हिरासत में पूछताछ जरूरी है.'

एनवीआर एक विशेष कंप्यूटर है जो सुरक्षा वीडियो निगरानी फुटेज को डिजिटल प्रारूप में हार्ड ड्राइव पर रिकॉर्ड करता है.

मालीवाल के इस विशेष आरोप पर गौर करते हुए कि कुमार ने घटना को अपने सेल फोन पर रिकॉर्ड किया था, अदालत ने कहा, 'जांच एजेंसी को आरोपी के पास मौजूद मोबाइल को बरामद करने के लिए सर्वोत्तम प्रयास करने के उसके अधिकारों से वंचित नहीं किया जा सकता.'

पुलिस ने कुमार की पांच दिन की हिरासत मांगी थी. कुमार के खिलाफ 16 मई को भारतीय दंड संहिता के विभिन्न प्रावधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी. (भाषा इनपुट के साथ)

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