भारतीय आस्तिक दर्शन में विष्णु, शिव, गणेश, दुर्गा और सूर्य के पाँच स्वरूप परमब्रह्म के रूप में पूजे जाते हैं. गाणपत्य संप्रदाय में गणेश की आराधना के लिए अष्टविनायक के आठ पवित्र तीर्थ स्थल विशेष महत्व रखते हैं. गणेश के एकदन्त, चार भुजाएं, पाश, अंकुश, वरद मुद्रा और मूषक वाहन ज्ञान, संयम, कृपा तथा बुद्धि के संकेत हैं.