नई दिल्ली: भूटान और चीन के अपने सीमा विवाद का शीघ्र समाधान करने पर गौर करने के बीच सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने बृहस्पतिवार को कहा कि घटनाक्रम पर करीबी नजर रखी जा रही है. सेना दिवस से पहले एक प्रेस वार्ता में उन्होंने कहा कि भारत का भूटान के साथ एक अनूठा द्विपक्षीय संबंध है जो ‘अत्यधिक विश्वास, सद्भावना और परस्पर तालमेल' पर आधारित है.
थल सेना प्रमुख ने कहा, ‘‘यह संबंध सैन्य क्षेत्र में भी है क्योंकि 1960 के दशक की शुरूआत से हमारे पास भारतीय सैन्य प्रशिक्षण टीम है. वे हमारे संबंध के केंद्र में हैं.'' चीन और भूटान के अपनी सीमा वार्ता में प्रगति करने और किसी संभावित समाधान का भारत पर सुरक्षा की दृष्टि से पड़ने वाले प्रभाव के बारे में पूछे गए एक सवाल का जनरल पांडे जवाब दे रहे थे.
उन्होंने कहा, ‘‘भूटान और हम (भारत) परस्पर सुरक्षा चिंताओं को साझा करते हैं जिससे हम दोनों अवगत हैं. सीमा विवाद पर जारी वार्ता पर हम करीबी नजर रखे हुए हैं.'' सेना प्रमुख ने कहा, ‘‘हम भूटान में अपने मित्रों के साथ पारदर्शी और नियमित आधार पर बात कर रहे हैं.''
उन्होंने कहा कि भूटान के साथ भारत के सैन्य संबंध और प्रशिक्षण कार्यक्रम अच्छी तरह बढ़ रहे हैं. भूटान के विदेश मंत्री टांडी दोरजी ने दो महीने पहले, अपने चीनी समकक्ष वांग यी के साथ बीजिंग में वार्ता की थी. वार्ता पर चीन की एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि भूटान ‘एक-चीन नीति' का दृढ़ता से पालन करता है और सीमा मुद्दे का शीघ्र समाधान करने तथा राजनयिक संबंध स्थापित करने की राजनीतिक प्रक्रिया आगे बढ़ाने के लिए बीजिंग के साथ काम करने को तैयार है.
सीमा विवाद पर भूटान और चीन के बीच वार्ताओं पर नयी दिल्ली करीबी नजर रखे हुए है क्योंकि इसका भारत के सुरक्षा हितों पर, विशेष रूप से डोकलाम क्षेत्र में प्रभाव पड़ सकता है.
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