क्या दिल्ली से चुनाव लड़ेंगे पवन सिंह? AAP ने मनोज तिवारी के ख़िलाफ चुनाव लड़ाने की खबर को बताया निराधार

जेपी नड्डा से मुलाकात के बाद पवन सिंह ने पत्रकारों से कहा कि उन्होंने पार्टी नेतृत्व के सामने जो कहना था, कह दिया है. आगे जो भी होगा अच्छा होगा, हम उसके बारे में आपको जानकारी देंगे.

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नई दिल्ली:

बीजेपी नेता और भोजपुरी स्टार पवन सिंह के आसनसोल से चुनाव लड़ने से इनकार करने पर अब दूसरी पार्टियों ने उन्हें ऑफर देना शुरू कर दिया है. खबर है कि आरजेडी ने उन्हें बिहार की आरा या वैशाली लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने का प्रस्ताव दिया है. वहीं चर्चा ये भी थी कि आम आदमी पार्टी ने भी उन्हें दिल्ली में मनोज तिवारी के ख़िलाफ चुनाव लड़ने का ऑफर दिया है. हालांकि आम आदमी पार्टी ने पवन सिंह को दिल्ली में मनोज तिवारी के ख़िलाफ चुनाव लड़ाने की खबर को गलत बताया है.

आप (AAP) ने कहा कि उत्तर पूर्वी दिल्ली की सीट गठबंधन के तहत कांग्रेस के पास गई है, इसलिए आम आदमी पार्टी का इस पर कोई दावा नहीं है. हमें दिल्ली में गठबंधन के तहत जो चार सीटें मिली हैं, उन पर आम आदमी पार्टी अपने उम्मीदवार घोषित कर चुकी है.

आसनसोल से चुनाव लड़ने से इनकार करने के बाद बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने उन्हें दिल्ली बुलाया था और आज ही पवन सिंह ने पार्टी प्रमुख से मुलाकात कर उनके सामने अपनी बात रखी है.

जेपी नड्डा से मुलाकात के बाद पवन सिंह ने पत्रकारों से कहा कि उन्होंने पार्टी नेतृत्व के सामने जो कहना था, कह दिया है. आगे जो भी होगा अच्छा होगा, हम उसके बारे में आपको जानकारी देंगे.

गौरतलब है कि भोजपुरी गायक और अभिनेता पवन सिंह ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) के उम्मीदवार के तौर पर पश्चिम बंगाल की आसनसोल लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने से रविवार को मना कर दिया था. भाजपा ने एक दिन पहले ही शनिवार को पवन सिंह को इस सीट से उम्मीदवार घोषित किया था. वर्तमान में तृणमूल कांग्रेस (TMC) के शत्रुघ्न सिन्हा इस निर्वाचन क्षेत्र का लोकसभा में प्रतिनिधित्व कर रहे हैं.

पवन सिंह के इस फैसले के बाद तृणमूल कांग्रेस ने भी भाजपा पर निशाना साधा और कहा कि उसने चुनाव प्रचार अभियान शुरू होने से पहले ही सीट छोड़ दी. पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि सिंह के कई गाने फूहड़ हैं और उनमें महिलाओं को अश्लील तरीके से चित्रित किया गया है.

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आसनसोल में बड़ी संख्या में प्रवासी रहते हैं और भाजपा को उम्मीद थी कि पवन सिंह अभिनय से राजनीति में आए शत्रुध्न सिन्हा के खिलाफ प्रभावी साबित होंगे, सिन्हा 2019 तक भाजपा में थे.

इधर शत्रुघ्न सिन्हा ने इस घटनाक्रम को भाजपा का आंतरिक मामला करार दिया. उन्होंने कहा, ‘‘मैं उन्हें (सिंह) व्यक्तिगत रूप से बहुत अच्छी तरह से नहीं जानता, लेकिन सुना है वह एक गायक है, एक कलाकार है और मेरे कुछ परिचित उन्हें जानते हैं.''

सिन्हा अपने समर्थकों के बीच ‘बिहारी बाबू' के नाम से जाने जाते हैं। उन्होंने 2021 में बाबुल सुप्रियो के इस्तीफे के बाद टीएमसी के टिकट पर आसनसोल लोकसभा उपचुनाव में जीत हासिल की थी. सिन्हा ने दावा किया कि वह आगामी चुनावों में भाजपा के किसी भी उम्मीदवार के खिलाफ चार लाख से अधिक मतों के अंतर से जीत हासिल करेंगे.

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