बुधवार को MP में प्रवेश करेगी 'भारत जोड़ो यात्रा', राहुल का साथ देने के लिए प्रियंका गांधी भी होंगी शामिल

कांग्रेस नेताओं के मुताबिक यात्रा में शामिल होने के लिए दिग्विजय सिंह, अरुण यादव और गोविंद सिंह सरीखे वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं के साथ ही पार्टी के ज्यादातर विधायक मंगलवार शाम तक बुरहानपुर पहुंच चुके थे.

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प्रियंका गांधी पहली बार राहुल गांधी के साथ 'भारत जोड़ो यात्रा' में शामिल होंगी.
भोपाल (मध्यप्रदेश):

'भारत जोड़ो यात्रा' छह दक्षिणी और पश्चिमी राज्यों से होते हुए बुधवार तड़के मध्य प्रदेश में प्रवेश करेगी. कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ उनकी बहन और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा भी 4 दिनों के लिए इस यात्रा में शामिल होंगी. सितंबर से शुरू हुई इस यात्रा में अब तक प्रियंका गांधी शामिल नहीं हुई थीं. वह पिछले दिनों हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में पार्टी के प्रचार अभियान में व्यस्त थीं.

पार्टी की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी कर्नाटक के मांड्या में इस यात्रा का हिस्सा बनी थीं और राहुल गांधी के साथ पदयात्रा की थी. राहुल गांधी और कई अन्य नेताओं ने सात सितंबर को तमिलनाडु के कन्याकुमारी से इस यात्रा की शुरुआत की थी वे 3570 किलोमीटर की दूरी तय करके श्रीनगर पहुंचेंगे और वहीं पहुंचकर यह यात्रा संपन्न होगी.

आम नागरिकों, स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों, सैनिकों, किसानों, श्रमिकों, दिव्यांगों, कलाकारों, खिलाड़ियों, वरिष्ठ नागरिकों, प्रबुद्ध जनों आदि तबकों के सम्मान में यात्रा की हर दिन अलग-अलग थीम तय की गई है.

महाराष्ट्र सीमा से सटे बुरहानपुर जिले के बोदरली गांव को राहुल गांधी के पोस्टरों से पाट दिया गया है. करीब 6000 की आबादी वाले इस गांव में यात्रा के सभास्थल को केलों के पत्तों से खास तौर पर सजाया गया है, क्योंकि यह इलाका केले की खेती का गढ़ है.

बोदरली गांव का नेहरू-गांधी परिवार के साथ एक ऐतिहासिक जुड़ाव है. पूर्व पीएम इंदिरा गांधी ने 42 साल पहले इसी गांव में मशाल जलाकर 1980 के लोकसभा चुनाव के दौरान पार्टी उम्मीदवार शिव कुमार सिंह के समर्थन में एक रैली को संबोधित किया था.

इंदिरा गांधी ने न केवल बोदरली गांव में एक रैली को संबोधित किया था, बल्कि तीन दिनों के लिए आदिवासी बहुल बुरहानपुर और खंडवा जिलों का ज्यादातर खुली जीप में दौरा किया था. साथ ही पार्टी उम्मीदवार को भाजपा के दिग्गज कुशाभाऊ ठाकरे पर एक यादगार जीत दिलाई थी.

बाद में, राहुल गांधी के पिता पीएम राजीव गांधी और मां सोनिया गांधी ने भी बुरहानपुर का दौरा किया था. सोनिया ने 2000 में फिर से बुरहानपुर का दौरा किया था, जब उन्होंने 1980 के लोकसभा चुनाव विजेता शिव कुमार सिंह की प्रतिमा का अनावरण किया था.

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यात्रा के दौरान, राहुल गांधी दो ज्योतिर्लिंग, खंडवा में ओंकारेश्वर और उज्जैन के महाकालेश्वर जाएंगे. वह पवित्र नर्मदा नदी की पूजा भी करेंगे और खंडवा में आदिवासी नेता टंट्या भील और इंदौर के महू में बीआर अंबेडकर के जन्मस्थान जाएंगे. टंट्या भील को भारत का रॉबिनहुड भी कहा जाता है. वह आदिवासी समुदाय की भील उपजाति से ताल्लुक रखते थे, जो राज्य की 1.53 करोड़ आदिवासी आबादी का लगभग 40 प्रतिशत है.

पांच दिसंबर को राजस्थान में प्रवेश करने से पहले मध्य प्रदेश में बुरहानपुर, खंडवा, खरगोन, इंदौर, उज्जैन और आगर-मालवा सहित छह जिलों के 25-30 विधानसभा क्षेत्रों से होकर लगभग 399 किलोमीटर की यात्रा करेगी.

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राहुल गांधी की 'भारत जोड़ो यात्रा' में एमपी की पांच लोकसभा सीटें आएंगी. इन पांच सीटों में खंडवा, खरगोन, इंदौर, उज्जैन और देवास पर बीजेपी का कब्जा है. इसके अलावा 26 विधानसभा सीटें यात्रा के दौरान आ रही हैं. इनमें से 16 सीटों पर भाजपा और 10 पर कांग्रेस है. खंडवा जिले की चारों विधानसभा सीटों पर भाजपा का कब्जा है.

बुरहानपुर में एक सीट पर बीजेपी और एक पर निर्दलीय का कब्जा है. खरगोन जिले की पांचों विधानसभा सीट पर कांग्रेस का कब्जा है. इंदौर जिले की 9 विधानसभा सीटों में से 6 बीजेपी और 3 कांग्रेस के पास है. वहीं उज्जैन जिले में 4 सीटों पर कांग्रेस और 3 विधानसभा सीटों पर बीजेपी का कब्जा है. आगर मालवा जिले में एक सीट बीजेपी और एक सीट कांग्रेस के पास है.

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इस यात्रा के जरिए कांग्रेस का फोकस 382 किलोमीटर के दायरे में आने वाली उन 16 विधानसभा सीटों पर है, जिन पर फिलहाल बीजेपी का कब्जा है. 2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस इन पर जीत हासिल करना चाहती है.

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