कर्नाटक में बेंगलुरु की एक अदालत ने बृहस्पतिवार को पूर्व मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा को उनके खिलाफ दर्ज पॉक्सो अधिनियम के एक मामले में 15 जुलाई को पेश होने के लिए समन जारी किया. कर्नाटक पुलिस के आपराधिक जांच विभाग ने यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण अधिनियम (पॉक्सो) अधिनियम मामलों के लिए 27 जून को यहां त्वरित अदालत अदालत-1 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था.
एक दिन बाद, कर्नाटक उच्च न्यायालय ने सीआईडी को येदियुरप्पा को गिरफ्तार करने से रोकने के अपने अंतरिम आदेश को बढ़ा दिया. इसके बाद अभियोजन पक्ष को येदियुरप्पा को खिलाफ प्राथमिकी को रद्द करने की मांग करने वाली उनकी याचिका पर आपत्तियां दर्ज करने की अनुमति दी और फिर अगली सुनवाई दो सप्ताह के लिए स्थगित कर दी.
येदियुरप्पा (81) पर यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम की धारा 8 (यौन उत्पीड़न के लिए सजा) और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 354ए (यौन उत्पीड़न), 204 (साक्ष्य के रूप में उत्पादन को रोकने के लिए दस्तावेज या इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड को नष्ट करना) और 214 (अपराधी की जांच के बदले में संपत्ति का उपहार या बहाली की पेशकश) के तहत आरोप लगाए गए हैं.
पुलिस के मुताबिक, 17 वर्षीय एक लड़की की मां की शिकायत के आधार पर येदियुरप्पा के खिलाफ पॉक्सो अधिनियम और भारतीय दंड संहिता की धारा 354 ए (यौन उत्पीड़न) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है.
शिकायत में महिला ने आरोप लगाया कि इस साल दो फरवरी को येदियुरप्पा ने यहां डॉलर कॉलोनी में अपने आवास पर मुलाकात के दौरान उनकी बेटी के साथ छेड़छाड़ की थी.
येदियुरप्पा के खिलाफ आरोप लगाने वाली 54 वर्षीय महिला की पिछले महीने यहां एक निजी अस्पताल में फेफड़ों के कैंसर के कारण मौत हो गई थी. येदियुरप्पा ने आरोपों से इनकार किया है और कहा है कि वह कानूनी रूप से मामले के खिलाफ लड़ेंगे.