- रनएबल के सीईओ उमेश कुमार ने फुल स्टैक इंजीनियर इंटर्न के लिए सप्ताह में 60-80 घंटे काम करने वाले की मांग की है
- उम्मीदवार को बेंगलुरु स्थित ऑफिस में ऑन-साइट काम करना होगा और सप्ताह में छह दिन ड्यूटी देना अनिवार्य है
- उमेश कुमार ने बिगनर या सामान्य कुशल डेवलपर नहीं बल्कि एआई एजेंट की तरह काम करने वाले व्यक्ति की तलाश की है
रनएबल के सीईओ उमेश कुमार (Runnable CEO Umesh Kumar) ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया. इस एक पोस्ट ने इंटरनेट पर बहस छेड़ दी है. उमेश कुमार को दरअसल स्टैक इंजीनियर पद के लिए ऐसे इंटर्न की तलाश थी, जो सप्ताह में 60-80 घंटे काम करने को तैयार हो. यही नहीं उन्होंने इंटर्न रखने के लिए ऐसी-ऐसी डिमांड की है कि उसे पढ़कर हर आदमी का दिमाग चकरा जा रहा है. सभी पूछ रहे हैं कि इंटर्न चाहिए या दूसरे ग्रह का इंसान.
उमेश कुमार ने लिखा, "फुल स्टैक इंजीनियर (पूर्णकालिक/इंटर्न) की नियुक्ति कर रहे हैं. @runable_hq के साथ जुड़ने के लिए.
आवश्यकताएं?
ऑन-साइट, बेंगलुरु
सप्ताह में 6 दिन ड्यूटी
प्रति सप्ताह 60-80 घंटे काम करने में सक्षम
js/ts और llms के बारे में अच्छी जानकारी
मुझे किसी नये-नये काम करने वाले (बिगनर) की ज़रूरत नहीं है. मुझे किसी कुशल डेवलपर की भी ज़रूरत नहीं है (अगर आप हैं, तो अच्छी बात है). कोई ऐसा व्यक्ति जो runable में विश्वास रखता हो, जिसका लक्ष्य "हर कार्य के लिए सामान्य AI एजेंट" बनना हो और जिसकी प्रतिबद्धता से कोई समस्या न हो. अगर आप इन आवश्यकताओं को पूरा करते हैं, तो umesh@runable.com पर मेल/dm करें."
ये पोस्ट पढ़ने के बाद हर कोई चकरा गया. मतलब इन्हें बिगनर नहीं चाहिए. काम सीखा हुआ अनुभवी व्यक्ति चाहिए और वो भी इंटर्न के रूप में या उसके समकक्ष. इसके बाद सप्ताह में 6 दिन काम करने वाला और वो भी सप्ताह में 60 से 80 घंटे काम करने वाला. बात यहां तक भी रहती तो शायद काम चल जाता पर उन्हें तो एआई की तरह काम करने वाला इंसान ना..ना.. रोबोट चाहिए. जो सवाल पूछते ही सेकेंडों में उत्तर दे दे. रही सही कसर उन्होंने अपने ट्वीट के जवाब देकर पूरे कर दिए.
जवाब देकर और ढाए कहर
आकृति बिल्डस नाम की यूजर ने उमेश से सवाल किया-12 घंटे प्रति दिन काम तो उमेश ने जवाब दिया कि आप उससे भी ज्यादा कर सकती हैं, हमारा ऑफिस 24 घंटे सातों दिन खुला रहता है. एक यूजर ने पूछा क्या घर से काम मतलब रिमोट कर सकते हैं तो उन्होंने कहा-कभी नहीं. प्रतीक सिंह नाम के एक यूजर ने पूछा-आपने सैलरी के बारे में कुछ नहीं बताया तो उमेश ने जवाब दिया-जानबूझकर नहीं बताया. ये सिर्फ उसी को बताऊंगा जो इन कंडीशन पर काम करने को राजी हो. निशा नाम की एक यूजर ने तो फिर पूछ ही लिया-क्या आप नारायण मूर्ति हो? उमेश का जवाब आया-नहीं, लेकिन मैं हाल ही में सीटीओ ऑफ इंडिया से मिला था. इसी तरह लगातार ऑनलाइन अनगिनत बहस जारी है.














