बेंगलुरू पुलिस ने 'अनैतिक गतिविधियों' में शामिल होने के संदेह में शनिवार देर रात एमजी रोड, ब्रिगेड रोड और चर्च स्ट्रीट पर औचक निरीक्षण किया. सेंट्रल डिवीजन पुलिस को एक गुप्त सूचना मिली थी कि कुछ लोग अवैध गतिविधियों में लिप्त हैं और ड्रग्स बेचने के लिए एजेंट के रूप में काम कर रहे हैं. हिरासत में लिए गए ये विदेशी नागरिक हैं, जो सड़क किनारे खड़े होकर ग्राहकों को आकर्षित करने की कोशिश कर रहे थे. 25 अफ्रीकी नागरिकों को हिरासत में लिया गया है, जिनमें पुरुष और महिलाएं दोनों शामिल हैं.
औचक निरीक्षण का नेतृत्व सेंट्रल डिवीजन के डीसीपी श्रीनिवास गौड़ा ने किया. इस ऑपरेशन में एक डीसीपी, दो एसीपी, 6 इंस्पेक्टर, 10 सब-इंस्पेक्टर, 20 महिला कर्मचारी और 20 पुरुष कर्मचारी तैनात किए गए थे.
डीसीपी गौड़ा ने कहा कि नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट के उल्लंघन और नारकोटिक्स ड्रग्स की पुष्टि के लिए छह लोगों को हिरासत में लिया गया था. उन्होंने कहा कि एक महिला पर आईपीसी की धारा 353 (सरकारी कर्मचारी को कर्तव्य निर्वहन से रोकने के लिए हमला या आपराधिक बल) के तहत मामला दर्ज किया गया.
गौड़ा ने कहा, "अब तक, हमने पाया कि हिरासत में लिए गए लोगों में से दो का वीजा समाप्त हो गया था. कुल 26 को हिरासत में लिया गया था. उनमें से ज्यादातर को एनडीपीएस अधिनियम के तहत ड्रग्स के सेवन के लिए हिरासत में लिया गया. हम उनके पहले के जीवन का पता लगा रहे हैं. उन्हें सार्वजनिक उपद्रव और नशीली पदार्थों के सेवन के लिए हिरासत में लिया गया था. हमें उनके खिलाफ वेश्यावृत्ति की गतिविधियों में लिप्त होने की सूचना भी मिली थी, हमें अभी तक कोई सबूत नहीं मिला है. इनमें एक भारतीय है और अन्य अफ्रीकी नागरिक हैं, जिन्हें हिरासत में लिया गया था."
इस संबंध में कब्बन पार्क थाने में मामला दर्ज कराया गया है.
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