'मैं साजिश का शिकार हुआ..', बंगाल के बर्खास्त मंत्री पार्थ चटर्जी ने 50 करोड़ बरामद होने के बाद कहा

पार्थ चटर्जी की 30 वर्षीय सहयोगी अर्पिता मुखर्जी को आज अदालत ने अनिवार्य जांच के लिए कोलकाता के एक अस्पताल भेजा. जहां जबरन ले जाने से पहले उन्होंने कार से बाहर निकलने से इनकार किया और रोते हुए इसका विरोध किया.

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नई दिल्ली:

भ्रष्टाचार के मामले में फंसे बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने आज कहा कि वह एक साजिश के शिकार हुए हैं. ईडी की छापेमारी के बाद उनके करीबी अर्पिता मुखर्जी के घर से अन्य कीमती सामानों के साथ-साथ रिकॉर्ड ₹50 करोड़ नकद मिले थे, इसके बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया था. चटर्जी को टीएमसी के सभी पदों से बर्खास्त कर दिया गया है और उन्हें उनके कैबिनेट पद से भी हटा दिया गया है.

69 वर्षीय पार्थ चटर्जी, प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत में हैं और उन्हें आज चिकित्सा जांच के लिए अस्पताल ले जाया गया. खबरों के मुताबिक पूछताछ किए जाने पर उन्होंने कहा कि वह ''एक साजिश का शिकार'' हैं.

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की छापेमारी के दौरान कोलकाता में उनकी सहयोगी, अभिनेत्री-इंस्टाग्रामर अर्पिता मुखर्जी के स्वामित्व वाले फ्लैटों में से कथित तौर पर 29 करोड़ रुपये की बेहिसाब नकदी के अलावा पांच किलोग्राम सोने के आभूषण मिले थे. ईडी ने 23 जुलाई को कोलकाता के टॉलीगंज में उसके घर से 21 करोड़ रुपये की नकदी जब्त करने के बाद दोनों को गिरफ्तार किया था.

पार्थ चटर्जी की 30 वर्षीय सहयोगी अर्पिता मुखर्जी को आज अदालत ने अनिवार्य जांच के लिए कोलकाता के एक अस्पताल भेजा. जहां जबरन ले जाने से पहले उन्होंने कार से बाहर निकलने से इनकार किया और रोते हुए इसका विरोध किया. अर्पिता मुखर्जी को अदालत के आदेश के अनुसार हर 48 घंटे में मेडिकल जांच से गुजरना पड़ता है.

कलकत्ता उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार सीबीआई पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग की सिफारिशों पर सरकार द्वारा प्रायोजित और सहायता प्राप्त स्कूलों में ग्रुप सी और डी स्टाफ के साथ-साथ शिक्षकों की भर्ती में कथित अनियमितताओं की जांच कर रही है. ईडी घोटाले में शामिल मनी ट्रेल की जांच कर रही है.

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