पेगासस का इस्‍तेमाल अपने अफसरों और मंत्रियों की जासूसी के लिए कर रही ममता बनर्जी सरकार : BJP

बीजेपी की बंगाल इकाई के प्रमुख दिलीप घोष ने कहा, ‘‘ममता बनर्जी ने पेगासस का इस्तेमाल कर अपने विरोधियों, पत्रकारों, अपनी ही पार्टी के नेताओं और मंत्रियों को निगरानी पर रखा है.’’

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दिलीप घोष ने कहा, बीजेपी फोन टैपिंग की संस्कृति में विश्वास नहीं करती
कोलकाता:

Pegasus scandal: भारतीय जनता पार्टी (BJP) की पश्चिम बंगाल इकाई ने पेगासस मामले (Pegasus snooping scandal) पर तृणमूल कांग्रेस के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा है कि राज्य की ममता बनर्जी सरकार (Mamata Banerjee Government) उसी इजराइली जासूसी सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल अपने विरोधियों, पत्रकारों, सरकारी अधिकारियों और यहां तक अपनी ही पार्टी के नेताओं और मंत्रियों की निगरानी करने के लिए कर रही है. पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष (Dilip Ghosh) ने गुरुवार को कहा कि उनकी पार्टी- जिस पर राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न पार्टियों द्वारा हमला किया जा रहा है- फोन टैपिंग की संस्कृति में विश्वास नहीं करती. हालांकि, तृणमूल कांग्रेस ने आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि केवल देश का प्राधिकार उस कंपनी की सेवाएं ले सकता है, जो पेगासस सॉफ्टवेयर बेचती है.

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घोष ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘‘ममता बनर्जी ने पेगासस का इस्तेमाल कर अपने विरोधियों, पत्रकारों, अपनी ही पार्टी के नेताओं और मंत्रियों को निगरानी पर रखा है.''भाजपा नेता ने दावा किया कि तृणमूल कांग्रेस नेता आपस में एक दूसरे से व्हाट्सऐप से संपर्क करते हैं क्योंकि उसपर बातचीत कूटबद्ध होती है. उन्होंने कहा, ‘‘ वे (तृणमूल कांग्रेस नेता) सामान्य फोन पर बात नहीं करते या संदेश साझा नहीं करते क्योंकि उन्हें पता कि उनका फोन टैप हो रहा है.''घोष ने कहा कि भाजपा फोन टैपिंग की संस्कृति में विश्वास नहीं करती और यह कांग्रेस की संस्कृति है, जहां से ममता बनर्जी ने अपनी राजनीतिक पारी शुरू की.

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घोष के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए तृणमूल कांग्रेस नेता और मंत्री सोभनदेब चटर्जी ने कहा कि सभी जानते हैं कि केवल देश इजराइली कंपनी की सेवा ले सकते हैं, ‘‘यहां तक की गुप्त रूप से भी. ''उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा'से कहा, ‘‘दिलीप बाबू बेतुके दावे के लिए जाने जाते हैं. फोन टैपिंग पर उनकी टिप्पणी का कोई आधार नहीं है, लेकिन उन्हें याद रखना चाहिए कि इस तरह के झूठ से केवल सच्चाई की भावना और राजनीति के सिद्धांत को ही नुकसान होगा. यह राजनीति के धर्म का उल्लंघन है.''

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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