महाराष्ट्र में इस बार राजनीतिक समीकरण बिल्कुल बदल गए हैं. शिवसेना और एनसीपी के दो टुकड़े होने के बाद दोनों गुट अलग-अलग गठबंधन में बीजेपी और कांग्रेस के साथ हैं. मुंबई नार्थ लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने बड़े बहुमत का दावा करते हुए चुनावी बॉन्ड के मुद्दे पर विपक्ष पर पलटवार किया. उन्होंने एनडीटीवी से कहा कि चुनावी बॉन्ड का मुद्दा आम चुनाव में प्रमुख मुद्दों में शामिल ही नहीं है.
लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) से पहले चुनावी बॉन्ड पर प्रतिबंध लगाने वाले सुप्रीम कोर्ट के बड़े फैसले के बारे में पूछे जाने पर पीयूष गोयल ने कहा, ''कोई नहीं पूछ रहा है.'' उन्होंने कहा कि विपक्ष बॉन्ड को लेकर परेशान है, क्योंकि इससे पार्टी फंड से मिलने वाले उनके व्यक्तिगत लाभ में हस्तक्षेप होता है.
पियूष गोयल ने एनडीटीवी को बताया, "चुनावी फंडिंग में अधिक पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए बॉन्ड लाए गए थे. मुझे लगता है कि कांग्रेस फंडिंग में काले धन की इतनी आदी हो गई है कि वे बहुत निराश या असहज थे, क्योंकि हम ये सुनिश्चित कर रहे थे कि हर कोई एक बैंक खाते, एक औपचारिक प्रणाली के माध्यम से पैसा दे और फिर पैसा कांग्रेस के बैंक खाते में चला जाए."
उन्होंने कहा, "मेरी भावना ये है कि इनमें से कई विपक्षी दल औपचारिक फंडिंग हासिल करने की इच्छा नहीं रखते हैं. वे नकद फंडिंग चाहते हैं. इसमें से बहुत कुछ वे निकाल रहे होंगे. भगवान जानता है कि वे क्या कर रहे हैं. क्या वे इसका उपयोग पार्टी के लिए या चुनावी लाभ के लिए कर रहे हैं."
बीजेपी नेता ने कहा कि महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे या शरद पवार के साथ जनता की सहानुभूति नहीं होगी. क्योंकि उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस से हाथ मिलाकर बाल ठाकरे के आदर्शों को धोखा दिया है.
उन्होंने कहा, "आम तौर पर किसी को उस व्यक्ति के प्रति सहानुभूति होती है, जिसके साथ अन्याय हुआ है. अगर महाराष्ट्र में किसी के साथ अन्याय हुआ है, तो वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं. अगर उद्धव ठाकरे के कार्यों से किसी के साथ अन्याय हुआ है, तो वो देवेंद्र फड़नवीस हैं. इसीलिए पीएम मोदी, फडनवीस और भाजपा के प्रति लोगों की सहानुभूति होगी.''