उत्तर प्रदेश में सरकारी कार्यालयों में प्लास्टिक बोतलों के इस्तेमाल और कागज के दुरुपयोग पर लगी रोक

मुख्य सचिव की ओर से दिए गए निर्देशों में कहा गया है कि लगातार देखने में आ रहा है कि बार-बार निर्देशों के बावजूद विभागों द्वारा प्लास्टिक कवर तथा सिंगल साइड प्रिंट कर बुकलेट प्रस्तुत किया जा रहा है.

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लखनऊ:

सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल और कागज की बर्बादी को लेकर प्रदेश सरकार ने कड़ा कदम उठाया है और मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र की ओर से सभी सरकारी अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि कार्यालयों में अधिक से अधिक सॉफ्ट कॉपी का इस्तेमाल किया जाए, जबकि बैठकों में पानी के लिए प्लास्टिक बोतल का उपयोग नहीं किया जाएगा. मंगलवार को जारी एक बयान के मुताबिक मुख्य सचिव की ओर से स्पष्ट कहा गया है कि इन निर्देशों का कड़ाई से तत्काल अनुपालन सुनिश्चित किया जाए.

मुख्य सचिव की ओर से दिए गए निर्देशों में कहा गया है कि लगातार देखने में आ रहा है कि बार-बार निर्देशों के बावजूद विभागों द्वारा प्लास्टिक कवर तथा सिंगल साइड प्रिंट कर बुकलेट प्रस्तुत किया जा रहा है. इसमें कहा गया है कि कागज का दुरुपयोग तथा प्लास्टिक का प्रयोग पर्यावरण की दृष्टि से उचित नहीं है, जबकि पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन के प्रति संवेदनशीलता प्रत्येक अधिकारी की नैतिक एवं शासकीय जिम्मेदारी है.

शासन के सभी अधिकारियों एवं विभागाध्यक्षों द्वारा ज्यादा से ज्यादा सॉफ्ट कॉपी का ही प्रयोग किया जाए. फिजिकल (हार्ड) कॉपी का प्रयोग कम से कम किया जाए तथा जब भी प्रिंट करने की आवश्यक्ता हो तो दोनो तरफ ही प्रिंट किया जाए. समस्त पत्रावलियां ई-ऑफिस के माध्यम से ही भेजी जाएं. यदि भौतिक पत्रावलियां भेजना अपरिहार्य हो तो कागज के दोनों तरफ प्रिंट किया जाए. इसमें कहा गया है कि बैठकों में पानी के लिये प्लास्टिक बोलत का उपयोग कदापि न किया जाए.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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