छांगुर बाबा की मदद करता था बलरामपुर कोर्ट का बाबू, एटीएस ने धर दबोचा

मौलाना छांगुर के धर्मांतरण के 'ऑक्टोपस नेटवर्क' का पर्दाफाश हो रहा है. ED की जांच में हर दिन चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं, जिससे पता चलता है कि कैसे धर्म की आड़ में देश विरोधी एजेंड़ा चलाया जा रहा था. 

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  • छांगुर बाबा के धर्मांतरण मामले में राजेश उपाध्याय को एटीएस ने गिरफ्तार किया है, जो बलरामपुर कोर्ट में बाबू था.
  • राजेश उपाध्याय पर आरोप है कि वह छांगुर के कहे अनुसार काम करता और कोर्ट नोटिस भेजकर विरोधियों को डराता था.
  • अब तक छांगुर मामले में कुल आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें विभिन्न संदिग्ध शामिल हैं.
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Chhangur Baba Case: छांगुर बाबा के धर्मांतरण मामले में एक और गिरफ्तारी हुई है. राजेश उपाध्याय नामक व्यक्ति को एटीएस ने गिरफ्तार किया है. राजेश बलरामपुर कोर्ट में बाबू था और इस पर छांगुर को मदद करने का आरोप था. मामला सामने आने के बाद राजेश को निलंबित किया गया था.

कोर्ट का नोटिस भिजवाकर डराया जाता था

छांगुर मामले में ये आठवीं गिरफ्तारी है. राजेश उपाध्याय पर आरोप है कि वो छांगुर के कहे मुताबिक काम करता था. जो भी छांगुर के प्रभाव में नहीं आता था, उसे राजेश उपाध्याय की मदद से कोर्ट का नोटिस भिजवाकर उसके खिलाफ मामला दर्ज कराया जाता था. वहीं पुलिस की मिली भगत से गिरफ्तारी हो जाती थी.

छांगुर मामले में अब तक कुल आठ गिरफ्तारियां हुई हैं- 

  1. छांगुर 
  2. नीतू 
  3. नवीन 
  4. महबूब 
  5. राशिद 
  6. सोहराब 
  7. शहाबुद्दीन 
  8. राजेश उपाध्याय

'ऑक्टोपस नेटवर्क' का हुआ खुलासा

बात दें कि मौलाना छांगुर के धर्मांतरण के 'ऑक्टोपस नेटवर्क' का पर्दाफाश हो रहा है. ED की जांच में हर दिन चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं, जिससे पता चलता है कि कैसे धर्म की आड़ में देश विरोधी एजेंड़ा चलाया जा रहा था. 

धर्मांतरण का रेट कार्ड और इंटरनेशनल फंडिंग

जांच में खुलासा हुआ कि बाबा दरअसल एक संगठित धर्मांतरण रैकेट चला रहा था. अलग-अलग जातियों के लोगों के धर्म बदलवाने के रेट तय थे- दलित के लिए 8 लाख, सिख लड़की के लिए 15 लाख. मिडिल ईस्ट से भारी फंडिंग आती थी, 40 बार विदेश यात्रा हो चुकी थी, और देशभर में फैला था नेटवर्क- मुंबई, लोनावला, पुणे तक.

खुल रहीं छांगुर के काले कारनामों की परतें

जलालुद्दीन उर्फ छांगुर के काले कारनामों की परतें लगातार खुल रही हैं. ईडी ने बलरामपुर के उतरौला में छापेमारी कर यहां पर ताजुद्दीन कांप्लेक्स के रहस्य से पर्दा उठा दिया. करोड़ों रुपये के निवेश से बने इस कांप्लेक्स की जमीन छांगुर ने नीतू उर्फ नसरीन के नाम पर करीब छह साल पहले खरीदी थी.

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