यूपी के लखीमपुर खीरी में किसानों को कुचलने के मामले में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा को हाईकोर्ट ने जमानत दे दी है. इसके साथ ही कोर्ट ने पुलिस इनवेस्टीगेशन को भी खारिज कर दिया है. वहीं मामले को लेकर विपक्ष लगातार सरकार पर निशाना साध रहा है. इस सबके बीच संयुक्त किसान मोर्चा ने भी आशीष मिश्रा को जमानत मिलना दुर्भाग्यपूर्ण बताया है. मोर्चा की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि चार किसानों और एक पत्रकार को दिनदहाड़े रोंदने का यह नृशंस मामला पूरे देश में कानून के राज की एक कसौटी बन गया था. स्पष्ट प्रमाण के बावजूद हत्या के आरोपी को इतनी जल्दी जमानत मिलना और वह भी यूपी चुनाव के पहले दिन होना, आश्चर्य का विषय है.
लखीमपुर खीरी केस : हाईकोर्ट ने इन पहलुओं के आधार पर 'मंत्री पुत्र' आशीष मिश्रा को दी जमानत
मोर्चे ने कहा है कि इस हत्याकांड के बाद से पुलिस और प्रशासन लगातार अजय मिश्र टेनी और उनके बेटे को बचाने में जुटा रहा. मामले की जांच करने और अभियुक्तों को पकड़ने में यूपी पुलिस शुरू से ही कोताही बरती आई और मामले को कमजोर करने की कोशिश की गई. पुलिस और सरकार की मिलीभगत इस बात से ही जाहिर होती है कि अभियुक्त आशीष मिश्र पर धारा 302 लगाई ही नहीं गई, जबकि दूसरे मामले में आरोपी किसानों पर 302 लगाई गई है.
लखीमपुर में किसानों को कुचलने के आरोपी केंद्रीय मंत्री के पुत्र आशीष को मिली ज़मानत
संयुक्त किसान मोर्चा ने मांग की है कि सरकार हाईकोर्ट के इस निर्णय के विरुद्ध तत्काल अपील दायर करे. साथ ही मोर्चा ने देश के अग्रणी वकीलों की राय लेकर अपील दायर करने में पीड़ित परिवारों की मदद करने का भी आश्वासन दिया है और कहा कि उत्तर प्रदेश की जनता इस हत्याकांड के असली अपराधियों को सजा दिलाने से बचाने पर भारतीय जनता पार्टी पर वोट की चोट करें.
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