एक ही 'वो'? बहराइच वाले भेड़िए का 'अल्फा मेल' वाला कनेक्शन, एक्सपर्ट ने जाने क्या बताया

Bahraich Wolf Attack: यूपी के बहराइच के महसी तहसील क्षेत्र में मार्च से ही इंसानों पर भेड़ियों के हमले हो रहे हैं. बरसात के मौसम में 17 जुलाई से हमले बढ़े हैं और हमलों में सात बच्चों सहित आठ लोगों की मौत हो चुकी है तथा 30 से अधिक लोग हमलों में घायल हुए हैं.

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क्‍या बहराइच में लोगों का शिकार एक ही भेड़िया कर रहा है?
बहराइच:

Bahraich Wolf Attack बहराइच में भेड़ियों ने फिर दो बच्‍चों पर हमला किया है. वन विभाग का कहना है कि अब सिर्फ 2 भेड़िये हैं, जो उसकी पकड़ से बाहर हैं. अगर ये 2 भेड़िये उसके बिछाए जाल में फंस जाते हैं, तो ये खूनी खेल रुक सकता है. लेकिन क्‍या वाकई बहराइच में 2 भेड़िये लोगों को निशाना बना रहे हैं? ये सवाल इसलिए, क्‍योंकि  जीवविज्ञानी मानते हैं कि बहराइच में सिर्फ एक ही आदमखोर भेड़िया है, जो लोगों को निवाला बना रहा है. एक ही 'वो'... जिसे पकड़ने के बाद ये खूनी खेल थम जाएगा. ऐसे में ये  सवाल भी उठ रहा है कि कहीं वो 'अल्फा मेल भेड़िया', तो नहीं, जिसके बारे में कहा जाता है कि वो समूह का मुखिया होता है? 

भेड़िये के हमलों के पैटर्न बहुत कुछ बता रहा

भेड़िया जीवविज्ञानी यादवेंद्र देव विक्रम सिंह झाला ने एक अखबार को दिये इंटरव्‍यू में बताया, 'बहराइच में हुए हमलों में सात बच्चों सहित आठ लोगों की मौत के पीछे केवल एक खास भेड़िया हो सकता है, न कि छह का झुंड, जैसा कि माना जा रहा है. बहराइच में भेड़ियों के हमलों के हालिया पैटर्न को देखकर यही लगता है. मारे गए बच्चों के शरीर पर चोटों के निशान से संकेत मिलता है कि हमलों के पीछे एक ही भेड़िया है.'

वन विभाग की 6 भेड़ियों वाली थ्‍योरी 

वन विभाग शुरुआत से कहता रहा है कि बहराइच में हुए हमलों के पीछे भेडि़यों का एक झुंड है. वन अधिकारियों के अनुसार, 'हमलों के पीछे छह भेड़ियों का एक झुंड है और इनमें से चार को पहले ही पकड़ लिया गया है. 2 भेड़ियों को पकड़ने के लिए कई जाल बिछाए गए हैं. जल्‍द ही बाकी 2 भेडि़यों को भी पकड़ लिया जाएगा. हालांकि, झाला कहते हैं, 'यदि इन हमलों में भेड़ियों का एक झुंड शामिल होता, तो शव क्षत-विक्षत हो जाते, लेकिन इन मामलों में ऐसा देखने को अभी तक नहीं मिला है. भेड़ियों को बुद्धिमान जानवर माना जाता है, जो अपने परिवेश में जल्दी से ढल जाते हैं.' 

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...तो शरीर के हिस्‍से अलग-अलग जगह मिलते

झाला इस बात पर जोर देते हैं कि अगर किसी झुंड ने हमला किया होता, तो बच्चों के सिर और धड़ अलग-अलग स्थानों पर पाए जाते. लेकिन बहराइच में सभी पीड़ितों के शरीर अलग-अलग नहीं पाए गए और केवल उनकी मांसपेशियां ही खाई गईं, जो इन हमलों में सिर्फ 'एक भेड़िये' के शामिल होने की ओर इशारा करता है. उन्‍होंने बताया, 'एक भेड़िया एक बार में लगभग 5 से 6 किलोग्राम मांस खा सकता है. वहीं, अगर कोई झुंड हमला करता है, जिसमें 6 भेडि़यों है, तो अंदाजा लगा सकते हैं, कितना मांस खा सकते हैं. ऐसे में शरीर पर कुछ भी नहीं मिलेगा.' 

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कहीं, वो 'अल्‍फा मेल' तो नहीं? 

भेडि़यों के झुंडों में 'अल्‍फा मेल' वाला कनेक्‍शन काफी बार सुनने को मिला है. कहा जाता है कि भेडि़यों के हर झुंड में एक सबसे शक्तिशाली भेड़िया होता है, जिसे मुखिया माना है. यही मुखिया 'अल्‍फा मेल' होता है, जो पूरे झुंड के भेड़िया को निर्देशित करता है. सभी अन्‍य भेड़िये 'अल्‍फा मेल' के इशारे पर ही चलते हैं. अल्फा मेल बेहद खूंखार होता है. इनके समूह का एक रूल होता है और उसी के हिसाब से सभी चलते हैं. लीडर तय करता है कि कौन कितना और कहां खाएगा. एक्‍सपर्ट, बहराइच के हमलों को लेकर भी कुछ यही इशारा कर रहे हैं कि 'वो' एक आदमखोर भेड़िया है.  

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