सपा नेता और पूर्व मंत्री आजम खां (Azam Khan) के बेटे अब्दुल्लाह आजम (Abdullah Azam) को जेल से रिहा कर दिया गया है. अब्दुल्लाह आजम सीतापुर जिला जेल (Sitapur jail) में बंद लंबे अरसे से बंद थे. जेल से उनकी रिहाई के वक्त समाजवादी पार्टी के काफी संख्या में समर्थक वहां मौजूद थे. रिहाई के बाद अब्दुल्लाह ने कहा कि उनके परिवार के साथ लंबे समय से ज्यादती हो रही है और वह आज भी जारी है. अब्दुल्ला ने कहा, मेरे वालिद (आज़म खां) के खिलाफ फर्जी मुकदमे दर्ज किए गए और बेगुनाह बीमार आदमी को जेल भेजा गया. आज भी उनकी जमानत होने में रुकावट डाली जा रही है लेकिन मुझे उम्मीद है कि न्यायालय मेरे परिवार को इंसाफ देगा.
अब्दुल्ला आजम सीतापुर जिला कारागार में 23 महीने से बंद थे. अब्दुल्ला ने कहा कि उनके परिवार के साथ जुल्म हो रहा है. मेरे बेगुनाह वालिद को फर्जी मुकदमों में फंसाकर जेल में बंद करके रखा हुआ है. आज भी साजिशें की जा रही हैं, ताकि उनकी जमानत न होने पाए. उन्होंने कोर्ट पर पूरा भरोसा जताया. जब उनसे पूछा गया कि 23 माह की रिहाई के बाद सरकार के रुख पर क्या कहेंगे तो उन्होंने कहा कि देख लीजिए कि क्या हो रहा है. लेकिन 10 मार्च को 10 मार्च को जुल्म भी खत्म होगा औऱ जालिम भी तख्त से हटेगा.
सपा नेता आजम खान की तबीयत सीतापुर जेल में बिगड़ी, लखनऊ के मेदांता अस्पताल में भर्ती
इससे पहले 10 अगस्त 2021 को सुप्रीम कोर्ट ने सपा नेता आजम खां (Azam Khan) और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम खां को एक आपराधिक मामले में जमानत दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि यूपी में संबंधित निचली अदालत 4 सप्ताह के भीतर मामले में शिकायतकर्ता का बयान दर्ज करने के बाद उन्हें जमानत पर रिहा करे. ये मामला फर्जी पैन कार्ड से जुड़ा है. इलाहाबाद हाईकोर्ट से जमानत खारिज होने के बाद आजम खां और उनके बेटे अब्दुल्ला ने सुप्रीम कोर्ट में जमानत याचिका दायर की थी. अब्दुल्ला आजम के दो पैन कार्ड और पासपोर्ट के मामले में अदालत ने जमानत अर्जी खारिज कर दी थी.
सपा सांसद आजम खान पर शिकंजा, ED ने रामपुर जिला प्रशासन से मांगी जौहर यूनिवर्सिटी पर रिपोर्ट
आजम खां एक बार कोरोना से भी संक्रमित हो चुके हैं. उनकी हालत भी बिगड़ गई थी और तब उन्हें जेल से अस्पताल में ले जाकर शिफ्ट कराया गया था. आजम खां के वकीलों का कहना है कि उनके मुवक्किल पर फर्जी मुकदमे डाले गए हैं.
ये दोनों केस बीजेपी नेता आकाश सक्सेना ने कराए थे. अब्दुल्ला के 2-2 जन्म प्रमाणपत्र बनवाने के मामले में सांसद आजम खां और अब्दुल्ला पर केस दर्ज किया गया था. इसमें आजम खां की पत्नी और रामपुर शहर विधायक डॉ. तजीन फातिमा को भी आऱोपी बनाया गया था. पासपोर्ट और पैनकार्ड में भी दो जन्मतिथि के आरोपों में भी उन पर रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी. इन्हीं मुकदमों की सुनवाई में आरोपियों की जमानत याचिका खारिज कर दी गई थी. इसी के बाद आजम खान और उनके पुत्र अब्दुल्ला ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.