अयोध्या (Ayodhya) में राम मंदिर में (Shri Ram Janmabhoomi Temple) वर्ष 2023 के दिसंबर माह से आम लोगों के लिए दर्शन शुरू हो जाएंगे. राम मंदिर ट्रस्ट के सूत्रों के मुताबिक 2025 तक राम मंदिर निर्माण का काम पूरा हो जाएगा. पिछले साल 5 अगस्त को पीएम नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के कार्य का शुभारंभ किया था. सूत्रों के अनुसार, दर्शन और निर्माण कार्य साथ-साथ चलता रहेगा.राम मंदिर निर्माण में स्टील और ईंट का इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है. मुख्य मंदिर का निर्माण पांच एकड़ जमीन पर किया जाएगा और बाकी जमीन पर संग्रहालय और पुस्तकालय आदि जैसे केंद्र बनाए जाएंगे. आईआईटी बांबे, दिल्ली, मद्रास, गुवाहाटी के विशेषज्ञ और केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान, रुड़की के विशेषज्ञ एवं एलएंडटी व टाटा समूह के इंजीनियर परिसर के मजबूत आधार की योजना में योगदान दे रहे हैं.
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मंदिर के निर्माण से जुड़ी गतिविधियां प्रारंभ करने के पहले ट्रस्ट के समक्ष मुख्य चुनौती मंदिर के डिजाइन और ड्राइंग को फाइनल रूप देने की थी ताकि इसे पुरातन मंदिर का रूप दिया जा सके. ट्रस्ट ने यह तय किया है कि मंदिर में निर्माण में स्टील का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा.मन्दिर निर्माण में लगने वाले पत्थरों को जोड़ने के लिए तांबे की पत्तियों का उपयोग किया जाएगा. यह अनुमान लगाया गया कि पूरा क्षेत्र मलबे से भरा हुआ है और नींव के लिए मिट्टी को समतल करने के लिहाज से सर्वे की जरूरत है. सरयू नदी मंदिर परिसर के बेहद करीब से बहती है, श्री राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण ट्रस्ट के महासचिव चम्पत राय ने बताया था कि अयोध्या के राम मन्दिर का निर्माण भारत की प्राचीन निर्माण पद्धति से किया जा रहा है ताकि वह सहस्त्रों वर्षों तक न केवल खड़ा रहे, अपितु भूकम्प, झंझावात अथवा अन्य किसी प्रकार की आपदा में भी उसे किसी प्रकार की क्षति न हो.
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गौरतलब है कि राम मंदिर परिसर का विस्तार 70 एकड़ से बढ़ाकर 107 एकड़ करने की योजना के तहत ‘राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र' ने इसी साल फरवरी में राम जन्मभूमि परिसर के पास 7,285 वर्ग फुट जमीन खरीदी है. ट्रस्ट के एक अधिकारी ने बताया था कि उत्तर प्रदेश के प्रसिद्ध शहर में भव्य मंदिर का निर्माण कर रहे ट्रस्ट ने 7,285 वर्ग फुट जमीन की खरीद के लिए 1,373 रुपये प्रति वर्ग फुट की दर से एक करोड़ रुपये का भुगतान किया है.फैजाबाद के उप-पंजीयक एसबी सिंह ने बताया था कि जमीन के मालिक दीप नरैन ने ट्रस्ट के सचिव चंपत राय के पक्ष में 7,285 वर्ग फुट भूमि की रजिस्ट्री के दस्तावेजों पर 20 फरवरी को हस्ताक्षर किए थे. मिश्रा और अपना दल के विधायक इंद्र प्रताप तिवारी ने गवाह के तौर पर दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए. फैजाबाद के उप-पंजीयक एसबी सिंह के कार्यालय में ही यह रजिस्ट्री की गई.