25 दिन में बना, थ्री लेयर फैब्रिक... राम मंदिर के दिव्य धर्म ध्वज की पहली झलक

Ram Temple Flag: ध्वज निर्माता ने राम मंदिर ध्वज बनाने को लेकर खुशी जताते हुए कहा कि पीएम मोदी खुद इसका उद्घाटन अपने हाथों से करेंगे, ये जानकार वह बहुत खुश हैं. उन्होंने बताया कि राम मंदिर के लिए और भी बहुत सी सामग्री उनके यहां से जा चुकी है.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
राम मंदिर ध्वज की पहली तस्वीर आई सामने.
फटाफट पढ़ें
Summary is AI-generated, newsroom-reviewed
  • राम मंदिर के शिखर पर 25 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा धर्म ध्वज फहराया जाएगा.
  • धर्म ध्वज अहमदाबाद में तीन-परत वाले सिल्क कपड़े से तैयार किया गया है. इस पर हाथ की कारीगरी की गई है.
  • ध्वज केसरिया रंग का है, जिस पर सूर्यदेव, ऊँ और कोविदार वृक्ष के चिन्ह हाथ से बनाए गए हैं.
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।
अहमदाबाद:

राम मंदिर के शिखर पर 25 नवंबर को धर्म ध्वज फहराया जाएगा. अयोध्या में इस कार्यक्रम की तैयारियां जोरों पर हैं. पीएम मोदी मंदिर के शिखर पर ध्वजारोहण करेंगे. राम मंदिर के शिखर पर लहराने वाला ध्वज बहुत ही खास है. इसका रंग और चिन्हों के बारे में तो पहले ही पता चल गया था. अब इसकी पहली झलक भी सामने आ गई है. दिव्य सा दिखने वाला यह ध्वज गुजरात के अहमदाबाद में बनाया गया है.

ये भी पढ़ें- अयोध्या राम मंदिर की धर्म ध्वजा पर बने कौन-कौन से चिन्ह, हर एक का मतलब समझिए

राम मंदिर के शिखर की शोभा बढ़ाने वाले इस ध्वज की पहली तस्वीर सामने आ गई है. यह देखने में चमकदार केसरिया रंग का है. इस पर सूर्यदेव विराजमान हैं और वहीं ऊँ भी बना हुआ है. इसके साथ ही खास कोविदार वृक्ष भी ध्वज पर बना है.

कितने दिन में बना राम मंदिर ध्वज?

ध्वज निर्माता कश्यप मेवाड़ा ने बताया कि इसे बनने में 25 दिन का समय लगा. यह तीन-परत वाले कपड़े से बना है. इसमें लगी हर एक चीज स्वदेशी है. इसे पूरी तरह से हाथ से बनाया गया है. किनारों पर गोल्डन फैब्रिक लगाया गया है और अंदर अस्तर भी लगाया गया है. ऊपर सिल्क के कपड़े का इस्तेमाल किया गया है. जो भी चिन्ह बनाए गए हैं तो सब हाथ की कारीगरी है. हाथ से ये सब बनाने में 7-8 दिन का समय लगा.

राम मंदिर के लिए बनाई और भी सामग्री

ध्वज निर्माता ने राम मंदिर ध्वज बनाने को लेकर खुशी जताते हुए कहा कि पीएम मोदी खुद इसका उद्घाटन अपने हाथों से करेंगे, ये जानकार वह बहुत खुश हैं. उन्होंने बताया कि राम मंदिर के लिए और भी बहुत सी सामग्री उनके यहां से जा चुकी है. मंदिर के लिए दान पेटी भी उन्होंने ही बनाई थी. भगवान के आभषण रखने के लिए ब्रास का बॉक्स भी उनके यहां ही तैयार किया गया था.

विश्वकर्मा समुदाय के लिए गर्व की बात

कश्यप मेवाड़ा ने कहा कि राम मंदिर के लिए चीजें बनाना उनके, गुजरात के और उनके पूरे विश्वकर्मा समुदाय के लिए भी बहुत ही गर्व की बात है. बता दें कि 191 फीट की ऊंचाई पर जब सनातन परंपरा का प्रतीक ये ध्वज लहराएगा तो राम दिव्य राम मंदिर की शोभा और भी बढ़ जाएगी.

Advertisement