अयोध्या में सोमवार को होने जा रहे प्रभु श्री रामलला के नूतन विग्रह के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के बीच समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि सियाराम उस पावन हृदय में बसते हैं, जो रीति-नीति-मर्यादा का मान करता है. सपा प्रमुख यादव ने सोमवार को सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर अपने संदेश में कहा, ‘‘उस पावन हृदय में बसते हैं ‘सियाराम', जो करता रीति-नीति-मर्यादा का मान.'' इसी पोस्ट में यादव ने एक वीडियो भी साझा किया जिसमें जय श्री राम के नारों से गूंजती, भगवान राम की झांकी है.
यादव द्वारा साझा किए गए छोटे एनिमेटेड वीडियो में राम, लक्ष्मण और सीता के साथ अयोध्या पहुंचते हुए दिखाई दे रहे हैं. बाद में यादव ने समाजवादी नेता जनेश्वर मिश्र की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि देने के बाद अयोध्या में 'प्राण प्रतिष्ठा' समारोह के बारे में पत्रकारों से कहा, ''प्राण प्रतिष्ठा के बाद पत्थर की मूर्ति भगवान बन जाएगी.''
सपा प्रमुख ने कहा कि 'भगवान राम को मर्यादा पुरुषोत्तम राम भी कहा जाता है, और हमें उनके दिखाए रास्ते पर चलना चाहिए.'' उन्होंने कहा, ''जो लोग भगवान राम द्वारा दिखाई गई रीति, नीति और मर्यादा का पालन करते हैं, वे उनके सच्चे भक्त हैं.'' राम राज्य के बारे में पूछे जाने पर यादव ने कहा, 'रामराज तब होता है जब गरीब दुखी नहीं होते, युवा खुश होते हैं और हर कोई खुश रहता है.'
कांग्रेस नेता राहुल गांधी के एक स्थानीय मंदिर में जाने से रोके जाने के बाद असम के नगांव में धरने पर बैठने के मामले पर यादव ने कहा, 'जहां सम्मान न मिले वहां नहीं जाना चाहिए'. अयोध्या में प्रतिष्ठा समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल होने के लिए अयोध्या पहुंच गए हैं.
अखिलेश यादव ने 13 जनवरी को सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर चंपत राय को लिखा एक पत्र साझा करते हुए कहा था कि वह अयोध्या में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद सपरिवार दर्शनार्थी बनकर अवश्य जाएंगे. सपा प्रमुख यादव ने पत्र की शुरुआत में ‘‘आदरणीय श्री चंपत राय जी, महासचिव, श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र, अयोध्या'' संबोधन के साथ लिखा, ‘‘श्री राम जन्मभूमि मंदिर, अयोध्या के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के स्नेह निमंत्रण के लिए धन्यवाद एवं समारोह के सकुशल संपन्न होने की हार्दिक शुभकामनाएं.''
इस पत्र में सपा प्रमुख ने कहा था, ‘‘हम प्राण प्रतिष्ठा समारोह के पश्चात सपरिवार दर्शनार्थी बनकर अवश्य आएंगे. आज प्राप्त निमंत्रण के लिए पुनः: धन्यवाद.'