जम्मू-कश्मीर आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (जेकेडीएमए) ने कई जिलों के लिए हिमस्खलन की चेतावनी जारी की है. जेकेडीएमए ने कहा, बांदीपुर, बारामूला और कुपवाड़ा में 'कम खतरे के स्तर' वाला हिमस्खलन होने की संभावना है. जबकि 24 घंटों में डोडा, किश्तवाड़, पुंछ, रामबन और गांदरबल जिलों में 'मध्यम खतरे के स्तर' वाला हिमस्खलन होने की संभावना है. इन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को सावधानी बरतने और हिमस्खलन-संभावित क्षेत्रों में जाने से बचने की सलाह दी दी गई है.
इस बीच, जम्मू-कश्मीर में कई जगहों पर ताजा बर्फबारी जारी रही. रियासी जिले में त्रिकुटा पहाड़ियों पर स्थित माता वैष्णो देवी मंदिर के लिए हेलिकॉप्टर सेवा भी खराब मौसम के कारण निलंबित रही.
घाटी में शीतलहर का प्रभाव बढ़
कश्मीर में सोमवार को अधिकतर स्थानों पर तापमान जमाव बिंदु से नीचे चले जाने के साथ ही घाटी में शीतलहर का प्रभाव बढ़ गया है. मौसम कार्यालय के अनुसार, जम्मू-कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में न्यूनतम तापमान शून्य से नीचे 0.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया.
दक्षिण कश्मीर का पहलगाम कल रात घाटी का सबसे ठंडा स्थान रहा. यहां न्यूनतम तापमान शून्य से नीचे 11.9 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया, जबकि पिछली रात यह शून्य से नीचे 3.5 डिग्री सेल्सियस से कम था.
उत्तरी कश्मीर के गुलमर्ग में तापमान पिछली रात शून्य से नीचे सात डिग्री से तीन अंक नीचे लुढ़क कर 10 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया.
मंगलवार से कश्मीर में मौसम में सुधार होने की उम्मीद
अधिकारियों ने बताया कि दक्षिण कश्मीर के कोकेरनाग में तापमान शून्य से नीचे 1.4 डिग्री और काजीगुंड में शून्य से नीचे 3.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार, मंगलवार से कश्मीर में मौसम में सुधार होने की उम्मीद है. हालांकि, भीषण सर्दी ‘चिल्लाई कलां' की 40 दिनों की अवधि समाप्त हो चुकी है, लेकिन कश्मीर में शीत लहर जारी है.
घाटी इस समय 20 दिन के ‘चिल्लई-खुर्द' (छोटी ठंड) की चपेट में है, जिसके बाद 10 दिनों का ‘चिल्लई-बच्चा' (हल्की ठंड) का दौर आएगा.
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