अतीक-अशरफ हत्याकांड के शूटर अरुण की क्राइम हिस्ट्री, हथियार रखने का था शौक, दर्ज हैं 2 केस

अरुण मौर्य पर पानीपत में दो केस दर्ज हैं. इसमें एक मुकदमा अवैध पिस्तौल समेत पकड़े जाने का और दूसरा मुकदमा एक गांव में मारपीट करने व जान से मारने की धमकी देने का है.

विज्ञापन
Read Time: 24 mins
प्रयागराज में अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की गोली मारकर हत्या की गई थी.
नई दिल्ली:

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की गोली मारकर हत्या करने वालों में से एक आरोपी अरुण मौर्य का कनेक्शन पानीपत से है. ये आरोपी पानीपत के विकास नगर का रहने वाला है. जानकारी के अनुसार अरुण मौर्य पर पानीपत में दो केस दर्ज हैं. इसमें एक मुकदमा अवैध पिस्तौल समेत पकड़े जाने का और दूसरा मुकदमा एक गांव में मारपीट करने व जान से मारने की धमकी देने का है. यानी अरुण मौर्य की आपराधिक पृष्ठभूमि पानीपत से ही शुरू हुई थी. इसके बाद उसे जेल में अपराध की दुनिया के कई बड़े चेहरे मिले. बस यहीं से ही अरुण ने भी अपराध की दुनिया में अपना नाम कमाने और बड़े-बड़े कांड करने का फैसला लिया था.


1988 में आया था परिवार पानीपत

पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक यूपी के गांव कादरवाड़ी जिला कासगंज से मथुरा प्रसाद अपने परिवार सहित पानीपत आए थे. यहां वे विकास नगर में किराए के मकान में रहने लगे. मथुरा प्रसाद अपने बेटों दीपक, सुनील के साथ मेहनत मजदूरी करने लगे. सभी ने खूब मेहनत की और 1995 में अपना मकान बना लिया. मथुरा प्रसाद, अरुण मौर्य के दादा हैं. जिसे वह बाबा कहता है.

ये भी पढ़ें- 

--अतीक अहमद और अशरफ की हत्या को लेकर प्रयागराज पुलिस पर उठे सवाल

--अतीक-अशरफ की हत्या का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, 2017 के बाद हुए सभी 183 एनकाउंटरों की जांच की मांग

अरुण मौर्य कई वर्षों से पानीपत में अपने भाई व अन्य परिवार के लोगों के साथ रहा. गांव में उसका आना जाना कम था. 6 महीने पहले ही उसका पानीपत में किसी के साथ झगड़ा हुआ था. जिसके बाद वह यूपी चला गया और वहां चाचा-चाची के साथ रहने लगा. चाचा-चाची के घर के अलावा भी उसने यूपी में कई ठिकाने बनाए हुए थे.

Advertisement

हथियार रखने का था शौक, पुलिस ने पकड़ा

अरुण के पिता दीपक अपनी पत्नी केला, छोटे बेटे अनिकेत और बेटी सपना के साथ 8 साल पहले वापस अपने पैतृक गांव कासगंज आए गए थे. जबकि अरुण मौर्य पानीपत में अपने चाचा व दादा के पास रहने लगा. पानीपत की सीआईए-2 पुलिस ने अरुण मौर्य को 4 फरवरी, 2022 को सेक्टर 25 में शराब ठेके के पास से अवैध हथियार के साथ गिरफ्तार किया था. पूछताछ में उसने बताया था कि उसे हथियार रखने का शौक है, जिसे पूरा करने के लिए उसने गांव कादरवाड़ी निवासी अतुल से 3 हजार रुपए में हथियार खरीदा था. पुलिस ने अरुण मौर्य की निशानदेही पर कादरवाड़ी में दबिश देकर अतुल को भी गिरफ्तार कर लिया था और दोनों को जेल भेज दिया था.

Advertisement

जेल से आने के बाद फिर की मारपीट

जेल से जमानत पर आने के बाद 6 महीने पहले पानीपत में एक युवक के साथ उसने मारपीट की और फिर कासगंज भाग गया. उस समय उसके हाथ में फ्रैक्चर था. कुछ समय बाद वह फिर पानीपत आ गया. यहां कुटानी रोड स्थित एक फैक्टरी में अपने चाचा के साथ काम करने लगा. वह पिछले रविवार को दिल्ली में अपने दोस्त की शादी में शामिल होने की कहकर गया था. इसके बाद उसका मोबाइल बंद आ रहा था.

Advertisement

वहीं अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ के हत्या के आरोपी अरुण का कनेक्शन पानीपत से जुड़ते ही खुफिया एजेंसी हरकत में आ गई. यूपी और हरियाणा पुलिस अलर्ट मोड़ में है.

Advertisement

ये भी पढ़ें-

--PM मोदी अपने भाषण में जो ‘चालाकियां' करते हैं, उसको मैं समझता हूं : अशोक गहलोत

--"कथित शराब घोटाले का पूरा मामला ही झूठा है...", CBI की करीब 9 घंटे की पूछताछ को लेकर बोले सीएम केजरीवाल 

Featured Video Of The Day
NDTV Xplainer: अपनी ज़मीन से बिछड़े लाखों गिरमिटिया मज़दूरों का दर्द गीतों में ढल गया