दिल्ली में 15 दिनों तक ठहरा था अतीक का बेटा असद, मददगारों की भी हुई पहचान

दिल्ली में उमेश पाल हत्याकांड के आरोपी अतीक अहमद के बेटे असद की तलाश की जा रही है. अब इस मामले में एक और नया खुलासा हुआ है. बताया जाता है कि अतीक का बेटा असद दिल्ली में 15 दिनों तक ठहरा था.

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उत्तर प्रदेश का उमेश पाल हत्याकांड पिछले काफी दिनों से देशभर में सुर्खियां बटोर रहा है. इस केस में पुलिस की कार्रवाई लगातार जारी है. इसी सिलसिले में दिल्ली में उमेश पाल हत्याकांड के आरोपी अतीक अहमद के बेटे असद की तलाश की जा रही है. अब इस मामले में एक और नया खुलासा हुआ है. बताया जाता है कि अतीक का बेटा असद दिल्ली में 15 दिनों तक ठहरा था.

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने असद को दिल्ली में मदद करने वाले तीन आरोपियों को पकड़ कर यूपी एसटीएफ को सौंप दिया है. उमेश पाल हत्याकांड में आरोपी असद और गुलाम को दो हथियार तस्करों ने दिल्ली में शरण दी थी. पिछले महीने असद छिपने के लिए वह दिल्ली आ गया था, यहां उसके पुराने ड्राइवर व दो हथियार तस्करों ने उसे छिपने में मदद की थी.

पुलिस की ओर से मिली जानकारी के अनुसार वह दक्षिण व पश्चिम दिल्ली के अलावा अन्य जगहों पर 15 दिनों तक छिपा रहा था. बाद में उसने दिल्ली से भी अपना ठिकाना बदल लिया. यूपी एसटीएफ की सूचना पर पिछले महीने दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की काउंटर इंटेलीजेंस यूनिट ने असद के मददगार तीन आरोपितों को आर्म्स एक्ट में मामले में दबोच कर यूपी एसटीएफ को सौंप दिया था.

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दिल्ली पुलिस सूत्रों के मुताबिक मार्च के पहले हफ्ते अतीक का बेटा असद दिल्ली में छिपने आया था. यहां रहने के दौरान उसने अपने पुराने ड्राइवर जावेद को पैसे लाने मेरठ भेजा था. जावेद ने मेरठ से पैसा लाकर दिल्ली में असद को सौंप दिया था. वह दिल्ली में रहता है. असद पहले दक्षिण दिल्ली के जामिया नगर में छिपा. उसके बाद पश्चिमी दिल्ली में भी छिपा था.

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मामला सामने आने के बाद दिल्ली पुलिस प्रवक्ता डीसीपी सुमन नलवा ने एक बयान में बताया कि काउंटर इंटेलीजेंस ने पिछले महीने पहले अवतार सिंह नाम के एक हथियार तस्कर को गिरफ्तार किया था. पूछताछ में उसने बताया कि खालिद और जीशान नामक दो लोगों को उसने 10 पिस्टलों की खेप दी थी. इसके बाद गुप्त सूचना के आधार पर 28 मार्च को खालिद और जीशान को शेख सराय से गिरफ्तार कर लिया गया. दोनों के कब्जे से दो पिस्टल व कारतूस बरामद किए गए. दाेनों ने पूछताछ में बताया उन्होंने असद और गुलाम को शरण दी थी. जांच  के बाद 31 मार्च को सेल ने जावेद को भी गिरफ्तार कर लिया. उसने भी बताया कि वह उमेश पाल की हत्या के बाद उसे असद और गुलाम से मिले थे.

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