गैंगस्टर अतीक की कभी पूरे पूर्वांचल में बोलती थी तूती, एक पुलिस अधिकारी ने ऐसे हिला दिया था साम्राज्‍य

चर्चित इंवेस्टिगेशन ऑफिसर नारायण सिंह परिहार ने अतीक के अपराधों से जुड़े काले कारनामों को सरकारी डायरी में दर्ज कर अतीक को जेल तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई थी.

विज्ञापन
Read Time: 25 mins
नारायण सिंह परिहार ने अतीक से जुड़े 6 मामलों की इंवेस्टिगेशन की थी.
नई दिल्‍ली:

माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्‍या का मामला लगातार सुर्खियों में है. अतीक की हत्‍या को लेकर सवाल उठ रहे हैं, हालांकि एक दौर ऐसा भी था जब अतीक के नाम की उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल में तूती बोला करती थी, लेकिन उसी दौर में एक पुलिस अधिकारी ने अपने कार्यकाल के दौरान अतीक अहमद पर शिकंजा कसना शुरू किया और उसे सलाखों के पीछे पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई थी. यह ऑफिसर हैं उत्तर प्रदेश के झांसी जिले के मऊरानीपुर तहसील के ग्राम चुरारी के रहने वाले नारायण सिंह परिहार. 

नारायण सिंह परिहार चर्चित इंवेस्टिगेशन ऑफिसर रहे हैं. उन्‍होंने अतीक के अपराधों से जुड़े काले कारनामों को सरकारी डायरी में दर्ज कर अतीक को जेल तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई थी. प्रयागराज जिले में नारायण सिंह परिहार को साल 2006-2007 में मेजा थाने का चार्ज मिला था. तीन महीने बाद उन्‍हें सराय ममरेश का थानाध्‍यक्ष बनाया गया और छह महीने बाद ही उनका तबादला सिविल लाइन थाने में कर दिया गया. 

उन्‍होंने बताया कि सिविल लाइन थाने में तैनाती के दौरान सईद अहमद की जमीन पर तत्‍कालीन सांसद अतीक अहमद ने आठ सौ वर्गमीटर में 28 दुकानें बनाकर अवैध कब्‍जा कर लिया था. वहीं साल 2007 में 25 सौ वर्गमीटर में बनी दुकानों को सांसद अतीक अहमद ने गुंडई के दम पर जैन बंधुओं को बेचकर एक करोड़ बैंक ड्रॉफ्ट और चेक अपने खाते में ट्रांसफर करवाकर भुगतान भी निकाल लिया था, जबकि दुकानों के बिकने से मिलने वाला पैसा सईद अहमद को मिलना चाहिए था. इसी मामले में अतीक पर सिविल लाइन थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था. सईद अहमद की तहरीर पर अतीक के खिलाफ इसी मामले में हाईकोर्ट ने अतीक की तीन बार जमानत भी कैंसिल की थी. 

Advertisement

प्रयागराज में 5 साल का कार्यकाल

नारायण सिंह परिहार प्रयागराज में साल 2006 से 2011 तक रहे थे. उनका पहला कार्यकाल मेजा और दूसरा सराय ममरेश थाने का था. इसके बाद प्रयागराज में उनका तीसरा कार्यकाल शाहगंज, चौथा करैली और पांचवा कीटगंज का रहा, इन तीनों जगहों पर परिहार थानाध्‍यक्ष रहे. 

Advertisement

अतीक से जुड़े 5 मुकदमों की इंवेस्टिगेशन 

अतीक के खिलाफ उन्‍हें तीसरा मामला राजू पाल हत्‍याकांड का मिला था. इस मामले में सात नए आरोपी सामने आए थे, जिनमें अब्‍दुल कवि और गुड्डू मुस्लिम भी शामिल थे. हालांकि अब्‍दुल कवि को एक पूर्व पुलिस अधिकारी ने राजू पाल हत्‍याकांड से सांसद अतीक अहमद के प्रभाव में यह कहते हुए बाहर कर दिया था कि इस नाम और पते का कोई व्‍यक्ति नहीं है. अतीक से जुड़े छह मुकदमों की इंवेस्टिगेशन करने वाले नारायण परिहार का दावा है कि दिसंबर 2004 में पूर्व विधायक राजू पाल पर अतीक के गुर्गों ने अतीक के भाई के साथ मिलकर जानलेवा हमला किया था. इस मामले की दोबारा जांच होने पर गुनाहों का लंबा चिट्ठा सामने होगा. 

Advertisement

बता दें कि अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की 15 अप्रैल को तीन आरोपियों ने कैमरों के सामने प्रयागराज में हत्‍या कर दी थी. पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. वहीं अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंच चुका है. हत्‍या की जांच की मांग पर सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की गई है. 

Advertisement

ये भी पढ़ें :

* अतीक अहमद हत्या : सीएम योगी आदित्यनाथ ने दिए उच्चस्तरीय जांच के आदेश
* "भाजपाई न्यायालय में विश्वास नहीं करते", असद के एनकाउंटर को लेकर अखिलेश यादव ने सरकार पर बोला हमला
* "सच्चाई सामने आनी चाहिए": असद के एनकाउंटर पर मायावती ने की उच्च-स्तरीय जांच की मांग

Featured Video Of The Day
Baba Saheb Ambedkar के सवाल पर Congress के आरोपों का खरगे ने कैसे दिया सिलसिलेवार जवाब?