"अकारण आक्रमण": रूस के साथ बैठक में राजनाथ सिंह ने उठाया चीन का मुद्दा

राजनाथ सिंह ने कहा कि महामारी, हमारे पड़ोस में असाधारण सैन्यीकरण और हथियारों का विस्तार और 2020 की गर्मियों के बाद से हमारी उत्तरी सीमा पर पूरी तरह से अकारण आक्रामकता के बाद भारत ने कई चुनौतियों का सामना किया है.

विज्ञापन
Read Time: 24 mins
भारत-रूस का ''2+2'' संवाद रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा के दायरे को व्यापक बनाने के लिए है
नई दिल्ली:

केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने रूसी समकक्ष के साथ "2 + 2" बैठक में आज चीन पर कटाक्ष करते हुए बीजिंग पर अकारण आक्रामकता का आरोप लगाया और कहा कि भारत "संवेदनशील और उत्तरदायी" भागीदारों की तलाश में है. बैठक में वह पिछले साल लद्दाख में चीन की घुसपैठ के बाद इस मुद्दे पर अधिक मुखर रहे और उन्होंने रणनीतिक साझेदारी को बढ़ावा देने का उद्देश्य से कहा कि महामारी, असाधारण सैन्यीकरण और हमारे पड़ोस में हथियारों का विस्तार और 2020 की गर्मियों के बाद से हमारी उत्तरी सीमा पर पूरी तरह से अकारण आक्रामकता ने कई चुनौतियों को जन्म दिया है. 

भारत ने रूस के साथ वार्ता में उत्तरी सीमा पर बिना उकसावे वाली आक्रामकता का उल्लेख किया

उन्होंने सैन्य-तकनीकी सहयोग पर भारत-रूस अंतर-सरकारी आयोग के ढांचे के तहत सर्गेई शोयगु के साथ बैठक में कहा कि भारत अपनी मजबूत राजनीतिक इच्छाशक्ति और अपने लोगों की अंतर्निहित क्षमता के साथ इन चुनौतियों पर काबू पाने के लिए आश्वस्त है. यह स्वीकार करते हुए कि इसकी विकास की जरूरतें बहुत बड़ी हैं और इसकी रक्षा चुनौतियां वैध, वास्तविक और तत्काल हैं, भारत ऐसे भागीदारों की तलाश करता है जो भारत की अपेक्षाओं के प्रति संवेदनशील और उत्तरदायी हों. 

पिछले महीने, नौसेना के एक विध्वंसक को नियुक्त करते हुए उन्होंने कहा था कि "कुछ गैर-जिम्मेदार राष्ट्र" अपने संकीर्ण पक्षपातपूर्ण हितों और वर्चस्ववादी प्रवृत्तियों के साथ समुद्र के कानून पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (यूएनसीएलओएस) की गलत परिभाषाओं के साथ आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह चिंता का विषय है.

Advertisement

"तीसरे पक्ष की सुरक्षा संबंधी चिंताएं" : चीन ने श्रीलंका में परियोजना पर लगाई रोक

बता दें कि भारत-रूस का ''2+2'' संवाद रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा के दायरे को व्यापक बनाने के लिए है. इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच शिखर बैठकें हुईं, जो आज एक छोटी यात्रा के लिए भारत पहुंचे. दोनों देशों ने आज सैन्य सहयोग पर 10 साल के समझौते का नवीनीकरण किया गया. शिखर सम्मेलन का फोकस रूस की S-400 उन्नत मिसाइल थी, जो भारत को 400 किमी तक के हवाई खतरों से निपटने में मदद कर सकती है.

Advertisement

दिन की शुरुआत रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अपने रूसी समकक्ष सर्गेई शोयगु के साथ सैन्य-तकनीकी सहयोग पर भारत-रूस अंतर-सरकारी आयोग के ढांचे के तहत हुई बैठक के साथ हुई. इसके अलावा विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव के साथ बातचीत की. फिर दोनों पक्षों के विदेश और रक्षा मंत्रियों ने ''2+2'' संवाद किया. उद्घाटन में अपने भाषण में राष्ट्रपति पुतिन ने भारत को एक महान शक्ति, एक मित्र राष्ट्र और एक समय-परीक्षणित मित्र के रूप में वर्णित किया. उन्होंने कहा कि हमारे देशों के बीच संबंध बढ़ रहे हैं और मैं भविष्य में इन्हें और भी मजबूत होते देख रहा हूं. 

Advertisement

भारत दौरे पर आज दिल्‍ली पहुंचेंगे रूसी राष्‍ट्रपति पुतिन, कई अहम समझौतों पर लगेगी मुहर

Advertisement
Featured Video Of The Day
Dev Deepawali पर दुल्हन की तरह सजी Kashi
Topics mentioned in this article