पश्चिम बंगाल विधानसभा के अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने राज्यपाल के निर्देश की अवहेलना करते हुए शुक्रवार को तृणमूल कांग्रेस के दो नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाई, जिसके बाद राजभवन ने इसे संवैधानिक रूप से अनुचित बताया.
राज्यपाल ने दोनों विधायकों को सदस्यता की शपथ दिलाने की जिम्मेदारी विधानसभा उपाध्यक्ष आशीष बनर्जी को सौंपी थी.
इस घटना के बाद राज्यपाल सी वी आनंद बोस ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को एक रिपोर्ट भेजी, जिसमें आरोप लगाया गया कि अध्यक्ष के कार्यों से संवैधानिक मानदंडों का उल्लंघन हुआ है. राजभवन के एक अधिकारी के अनुसार, बोस ने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर कहा कि राज्य विधानसभा में अध्यक्ष द्वारा विधायकों को शपथ दिलाना असंवैधानिक है.
राजभवन और विधानसभा के बीच लगभग एक महीने तक चले गतिरोध के बाद, दो विधायकों - रेयात हुसैन सरकार और सायंतिका बनर्जी को विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान शपथ दिलायी गई. रेयात हुसैन सरकार मुर्शिदाबाद जिले के भगवानगोला से विधायक हैं, जबकि सायंतिका बनर्जी कोलकाता के उत्तरी बाहरी इलाके बड़नगर से विधायक हैं.
बृहस्पतिवार की शाम को अचानक हुए घटनाक्रम में राज्यपाल बोस ने विधानसभा उपाध्यक्ष आशीष बनर्जी को शुक्रवार को विधानसभा में शपथ दिलाने के लिए अधिकृत किया था. इससे पहले उनका रुख था कि विधायकों को राजभवन में शपथ दिलाई जाएगी.
उपाध्यक्ष की अपील के बाद बिमान बनर्जी ने दोनों विधायकों को सदन में बुलाया और शपथ दिलाई. जब विधायक शपथ ले रहे थे, तब तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों ने 'जय बांग्ला' के नारे लगाए. उपाध्यक्ष आशीष बनर्जी ने दावा किया कि उन्होंने विधानसभा के नियमों का पालन किया है.
राज्य के संसदीय कार्य मंत्री सोभनदेव चट्टोपाध्याय ने कहा कि सदन के किसी नियम का उल्लंघन नहीं किया गया. दोपहर बाद, राजभवन ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया कि राज्यपाल द्वारा नियुक्त उपाध्यक्ष के बजाय अध्यक्ष द्वारा शपथ दिलाए जाने की संवैधानिक गलती को उजागर करते हुए राष्ट्रपति को एक रिपोर्ट भेजी जा रही है.
राजभवन द्वारा जारी एक बयान में कहा गया कि राज्यपाल के निर्देश के बावजूद संवैधानिक उल्लंघन किया गया है. विधानसभा की कार्यवाही संबंधी नियम पांच का स्पष्ट संदर्भ देते हुए, राजभवन ने संवैधानिक प्रावधानों का हवाला दिया और आश्चर्य जताया कि क्या विधानसभा का कोई नियम इससे ऊपर हो सकता है.
राजभवन के एक अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा' को बताया कि राष्ट्रपति मुर्मू को लिखे अपने पत्र में राज्यपाल ने यह भी कहा कि अध्यक्ष की कार्रवाई संविधान का उल्लंघन है.
राज्यपाल के पत्र के जवाब में, विधानसभाध्यक्ष बिमान बनर्जी ने कहा, 'राज्यपाल के पास मुझे बर्खास्त करने का अधिकार नहीं है. मैंने पहले ही राष्ट्रपति को स्थिति के बारे में जानकारी दी है और उनसे हस्तक्षेप करने की मांग की है.'
राज्यपाल के रुख का विरोध करते हुए दोनों विधायक पिछले कुछ दिनों से विधानसभा परिसर में धरने पर बैठे थे. उनकी मांग थी कि सदन की परंपरा के अनुसार उन्हें अध्यक्ष द्वारा शपथ दिलाई जाए.
दिलीप
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