MP विधानसभा में इस साल सिर्फ 16 दिन हुआ काम, सबसे ज्यादा और सबसे कम हाजिरी भाजपा MLA के नाम

विधायकों के प्रदर्शन पर एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) की एक रिपोर्ट के अनुसार, सत्तारूढ़ बीजेपी के विधायकों ने पिछले पांच वर्षों में सबसे अधिक बैठकों में भाग लेने के मामले में सभी शीर्ष पांच स्थानों पर कब्जा किया.

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मध्य प्रदेश विधानसभा में सबसे कम सवाल महिला व बाल विकास पर पूछे गए.
भोपाल:

मध्य प्रदेश की 230 विधानसभा सीटों (Madhya Pradesh Assembly Elections 2023) के लिए 17 नवंबर को चुनाव होने हैं. मध्य प्रदेश विधानसभा का कार्यकाल 6 जनवरी 2024 को समाप्त होने वाला है. 15वीं मध्य प्रदेश विधानसभा अपने पीछे कुछ ऐसे आंकड़े छोड़े जा रही है, जिन पर सवाल उठते हैं. एक साल में विधानसभा औसतन 16 दिन ही बैठी. पिछले कार्यकाल में 27 दिन काम हुआ था. जबकि उससे पहले के कार्यकाल में 33 दिन कार्यवाही हुई थी. मध्य प्रदेश विधानसभा में इसके अध्यक्ष, संसदीय कार्य मंत्री और विपक्ष के नेता की उपस्थिति कम रही. 

वहीं, विधानसभा में पूछे गए सवालों में सबसे कम महिला और बाल विकास से जुड़े सवाल थे. जबकि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक लिखित उत्तर में कहा कि इस साल के पहले तीन महीनों में राज्य में लगभग 78,000 बच्चे कुपोषित पाए गए. विधानसभा में पूछे गए 29,484 सवालों में सबसे ज्यादा 2,205 सवाल शहरी विकास और आवास पर थे. इसके बाद पंचायत और ग्रामीण विकास के 2,056 सवाल और राजस्व से जुड़े 1,997 सवाल पूछे गए. इसके उलट महिला व बाल विकास पर पूछे गए सवालों की संख्या सिर्फ 735 थी.

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विधानसभा में हाजिरी
वर्तमान मध्य प्रदेश विधानसभा में सबसे ज्यादा हाजिरी और सबसे कम हाजिरी देने का रिकॉर्ड भी बीजेपी के नाम है. विधायकों के प्रदर्शन पर एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) की एक रिपोर्ट के अनुसार, सत्तारूढ़ बीजेपी के विधायकों ने पिछले पांच वर्षों में सबसे अधिक बैठकों में भाग लेने के मामले में सभी शीर्ष पांच स्थानों पर कब्जा किया. कुल 79 बैठकों में कुंवरजी कोठार, पूर्व मंत्री हरिशंकर खटीक, दिलीप सिंह परिहार, श्याम लाल द्विवेदी और सुदेश राय ने 97% या 77 बैठकों में भाग लिया. हालांकि, बीजेपी ने इस चुनाव में इन पांच विधायकों में श्यामलाल द्विवेदी (तेओथर-रीवा) और कुंवरजी कोठार (सारंगपुर-एससी) को टिकट देने से इनकार कर दिया है.

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वहीं, विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम की उपस्थिति 34% रही. बीजेपी के संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा 20% और विपक्ष के नेता कांग्रेस के डॉ. गोविंद सिंह थे, जिनकी उपस्थिति का आंकड़ा 37% रहा.

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पार्टियों की बात करें तो सिर्फ 2 विधायकों वाली बहुजन समाज पार्टी (जिनमें एक सदस्य जुलाई 2022 में बीजेपी में शामिल हो गया) और केवल एक विधायक वाली सपा (जो उसी महीने बीजेपी में शामिल हो गए) ने 79 में से औसतन 65 बैठकों में भाग लिया. इसके बाद बीजेपी का नंबर आता है. इसके सदस्यों ने औसतन 46 बैठकों में भाग लिया. कांग्रेस बहुत पीछे रही, उसके विधायकों ने औसतन 43 बैठकों में भाग लिया.

किसने कितने सवाल पूछे?
विधानसभा में सवाल पूछने के मामले में भी बीजेपी ने अच्छा प्रदर्शन किया. विधानसभा में सबसे ज्यादा सवाल पूछने के मामले में उसके चार विधायक टॉप फाइव में शामिल हैं. जहां पूर्व मंत्री रामपाल सिंह 390 सवालों के साथ शीर्ष पर रहे. वहीं, पत्रकार से मंदसौर सीट से तीसरी बार विधायक बने यशपाल सिंह सिसौदिया 387 सवालों के साथ उनसे काफी पीछे रहे. इस लिस्ट में 2 अन्य बीजेपी विधायक उमाकांत शर्मा 381 सवालों के साथ और राजेंद्र पांडे 377 प्रश्नों के साथ शामिल थे. कांग्रेस के एकमात्र विधायक डॉक्टर से पहली बार विधायक बने डॉ. हीरालाल ने 383 सवाल पूछे.

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