असम में NRC अथॉरिटी ने पूर्व कोऑर्डिनेटर प्रतीक हजेला के खिलाफ दर्ज कराई FIR

हजेला पर 2018 में सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश का उल्लंघन करने का भी आरोप लगाया गया था, जिसमें एनआरसी कोऑर्डिनेटर को 24,89,745 लोगों के पहले से पूर्ण हो चुके दस्तावेजों के सत्यापन की समीक्षा करने की अनुमति नहीं दी गई थी लेकिन हजेला ने शीर्ष अदालत के निर्देश की अवहेलना करते हुए समीक्षा प्रक्रिया की अनुमति दी.

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असम पुलिस ने सितंबर 2019 में हजेला के खिलाफ 2 मामले दर्ज किए थे. (फाइल फोटो)
गुवाहाटी:

असम नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स (NRC) अथॉरिटी ने राज्य में NRC के पूर्व कोऑर्डिनेटर प्रतीक हजेला (Prateek Hajela) के खिलाफ पुलिस केस दर्ज कराया है. आपराधिक जांच विभाग या सीआईडी ​​में दर्ज की गई प्राथमिकी में हजेला के अलावा कुछ अन्य अधिकारियों और कर्मचारियों के भी नाम हैं जो असम में एनआरसी को अद्यतन करने की कवायद में शामिल थे.

राज्य के मौजूदा एनआरसी कोऑर्डिनेटर हितेश देव सरमा ने हजेला और अन्य पर "आपराधिक और राष्ट्र विरोधी गतिविधियों" में शामिल रहने का आरोप लगाया है.

सीआईडी ​​को लिखे अपने पत्र में देव सरमा ने कहा है कि एनआरसी को अद्यतन करने की कवायद में, 1971 से पहले असम में रहने वाले व्यक्तियों के साथ झूठे लिंकेज दावे करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली धोखाधड़ी प्रथाओं की जांच के लिए "फैमिली ट्री मैचिंग" प्रक्रिया को अपनाया गया था.

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पत्र में आगे कहा गया है कि चूंकि एनआरसी को अपडेट करने की प्रक्रिया में बड़ी संख्या में जनशक्ति शामिल थी, इसलिए 'फैमिली ट्री मैचिंग' शुरू होने से पहले एनआरसी में गलत प्रविष्टियों से बचने के लिए गुणवत्ता जांच का प्रावधान था लेकिन, प्रक्रिया में कोई गुणवत्ता जांच प्रणाली शामिल नहीं की गई.

NRC अथॉरिटी ने गुणवत्ता में जांच की कमी के प्रभाव का आंकलन करने के लिए राज्य में तीन स्थानों पर सैंपल सर्वेक्षण कराया जिसमें एनआरसी सूची में बड़ी संख्या में गलत प्रविष्टियां पाईं गईं.

देव सरमा ने कहा कि सॉफ़्टवेयर को जानबूझकर गुणवत्ता जांच से बचने के लिए डिज़ाइन किया गया था. उन्होंने पूर्व कोऑर्डिनेटर हजेला पर जानबूझकर ऐसा करने का आरोप लगाया, ताकि कुछ अधिकारियों को एनआरसी सूची में संदिग्ध नागरिकों को शामिल करने की छूट मिल सके. देव सरमा के अनुसार, इसे राष्ट्रीय सुरक्षा को प्रभावित करने वाले राष्ट्रविरोधी कृत्य के रूप में देखा जा सकता है.

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हजेला पर 2018 में सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश का उल्लंघन करने का भी आरोप लगाया गया था, जिसमें एनआरसी कोऑर्डिनेटर को 24,89,745 लोगों के पहले से पूर्ण हो चुके दस्तावेजों के सत्यापन की समीक्षा करने की अनुमति नहीं दी गई थी लेकिन हजेला ने शीर्ष अदालत के निर्देश की अवहेलना करते हुए समीक्षा प्रक्रिया की अनुमति दी.

सितंबर 2019 में, असम पुलिस ने NRC सूची में विसंगतियों के आरोपों पर हजेला और कुछ अज्ञात अधिकारियों के खिलाफ दो मामले दर्ज किए थे. 

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