असम में बाढ़ की स्थिति में थोड़ा बहुत सुधार हुआ है. लेकिन, बाढ़ से घिरे इलाकों में संकट बरकरार है. पिछले 24 घंटों में चार और लोगों की जान चली गई. इसके साथ ही मरने वालों की संख्या 121 हो गई है. मोरीगांव में राष्ट्रीय राजमार्ग पर बने राहत शिविर में रह रहे एक शरणार्थी की तेज रफ्तार वाहन की टक्कर से मौत हो गई. वहीं छह अन्य जख्मी हो गए. घायलों को तत्काल गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में भर्ती कराया गया.
बता दें कि जिला प्रशासन ने पहले उन सभी सड़कों को बंद करने के आदेश जारी किए थे, जिनका उपयोग बाढ़ प्रभावित लोगों द्वारा अपने अस्थायी आश्रयों को स्थापित करने के लिए किया जा रहा है. हालांकि, जिस क्षेत्र में ये हादसा हुआ है, उस इलाके से नेशनल हाइवे पर आवाजाही जारी थी.
शनिवार को 27 जिलों के 2,894 गांवों के कुल 25.10 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित रहे हैं. 630 से अधिक राहत शिविरों में 2,33,271 लोग आसरा लिए हुए हैं. शुक्रवार को छठे दिन सिलचर शहर में पानी भर गया.
वहीं बाढ़ की वजह से लोगों को पीने का पानी और भोजन की कमी का सामना करना पड़ रहा है. असम राज्य आपदा प्रबंधन (एएसडीएमए) ने कहा कि गुवाहाटी और जोरहाट से सिलचर के लिए चावल, पैकेज्ड पेयजल, भोजन के पैकेट, जानवरों के लिए गेहूं की भूसी पहुंचाया गया है. सिलचर प्रशासन बाढ़ प्रभावित इलाकों में पानी जैसे जरूरी सामान पहुंचाने के लिए ड्रोन लेकर आया है. यह उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण है जो संकरी गलियों में रहते हैं और बचाव एजेंसियां नावों के जरिए उन तक नहीं पहुंच पातीं.
ये भी पढ़ें-
- "असम बाढ़ की चपेट में है और सरकार विधायकों की मेजबानी में लगी"- कांग्रेस-TMC कार्यकर्ताओं ने किया प्रदर्शन
- 3 लोकसभा और 7 विधानसभा सीटों पर मतगणना शुरू; संगरूर, रामपुर और आजमगढ़ पर टिकी निगाहें
- "मेरे सामने उसे गोली मारी गई", बेटे की मौत पर बोले आईएएस अधिकारी पोपली
ये भी देखें-असम में बाढ़ की वजह से बिजली आपूर्ति बाधित, मोबाइल चार्ज करना भी हुआ मुश्किल