पूर्वोत्तर राज्य असम में एक बड़ी कार्रवाई में वैश्विक आतंकी संगठन से कथित तौर पर लिंक होने के मामले में 11 लोगों को हिरासत में लिया गया है. इन लोगों के आतंकी संगठन AQIS और बांग्लादेश के अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (ABT) से कथित तौर पर संबंध सामने आए हैं. हिरासत में लिए गए व्यक्तियों में से एक मदरसा शिक्षक भी शामिल है. पुलिस के मुताबिक, असम के मोरीगांव, बारपेटा, गुवाहाटी और गोलपारा जिलों से गुरुवार को हिरासत में लिए गए 11 लोगों के AQIS और ABT संबंध हैं. नियमानुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी.
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि इन गिरफ्तारियों से बहुत सारी जानकारी मिलने की उम्मीद है.
सरमा ने कहा, 'कल से आज तक, हमने असम के बारपेटा और मोरीगांव जिलों में दो जिहादी मॉड्यूल पता किया है, इनसे जुड़े सभी लोगों को गिरफ्तार किया है. राष्ट्रीय पुलिस एजेंसियों के साथ मिलकर यह कार्रवाई एक समन्वित प्रयास था और इन गिरफ्तारियों से हमें बहुत जानकारी मिलेगी.'
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असम पुलिस के अनुसार, मुस्तफा उर्फ मुफ्ती मुस्तफा, जो इस मामले में एक आरोपी है, मोरीगांव जिले के सहरिया गांव का निवासी है. वह अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (एबीटी) का एक सक्रिय सदस्य है, जो अल कायदा के संगठन AQIS जुड़ा हुआ है.
पुलिस ने बताया कि मुस्तफा सहरिया गांव में एक मदरसा (जमीउल हुडा मदरसा) चलाता है, जिसे हिरासत में लिए गए लोगों का सेफ हाउस होने के शक में पुलिस ने सील कर दिया.
पुलिस ने मुस्तफा के अलावा 39 वर्षीय अफसरुद्दीन भुइयां को मोरीगांव से गिरफ्तार किया है. इसके अलावा पुलिस ने गोलपाड़ा निवासी 22 वर्षीय अब्बास अली को भी गिरफ्तार किया है. पुलिस के अनुसार, "उसने फरार सदस्यों में से एक महबूबुर रहमान को रसद और ठिकान मुहैया करवाया था.'
जोगीघोपा थाने के मामले में वांछित महबूब रहमान उर्फ महबूब भी अंसारुल्लाह बांग्ला टीम का सदस्य है, जिसे बोंगईगांव पुलिस टीम ने 26 जुलाई को गिरफ्तार किया था.
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जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया है, उनमें जुबैर खान (25), रफीकुल इस्लाम (27), दीवान हमीदुल इस्लाम (20), मोइनुल हक (42), काजीबुर हुसैन (37), मुजीबौर रहमान (50), शाहनूर असलम और सहजन अली (34) शामिल हैं.
बारपेटा पुलिस ने AQIS और ABT से संबंध रखने के आरोप में आठ लोगों को गिरफ्तार किया है.
पुलिस ने हिरासत में लिए गए लोगों के पास से कई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए हैं. लिंक और नेटवर्क का पता लगाने के लिए आगे की जांच और ऑपरेशन किए जा रहे हैं.
स्पेशल डीजीपी जीपी सिंह ने कहा, 'यह असम पुलिस और केंद्रीय एजेंसियों के लंबे निगरानी अभियान का नतीजा है.'
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