'जनता मर रही है और...': दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण पर केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने CM अरविंद केजरीवाल को घेरा

केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने कहा कि पहले पंजाब सरकार और दिल्ली सरकार जनता की आंख में धुल झोंकते थे. अब पंजाब में AAP के सरकार है. वो इसे रोकने में असफल हो रहे हैं. पंजाब सरकार को पता नहीं क्यों ये दिखाई नहीं दे रहा है कि दिल्ली में प्रदूषण का एक कारण पराली का जलाना है.

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नई दिल्ली: गंभीर प्रदूषण से घिरी राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में हालात पर काबू पाने के लिए दिल्ली सरकार (Delhi Government) कठोर कदम उठाने जा रही है. दिल्ली में निर्माण कार्यों पर रोक लगा दी गई है. केंद्रीय पर्यारवण राज्य मंत्री अश्विनी चौबे ने दिल्ली-एनसीआर इलाके में प्रदूषण के बढ़ते संकट पर NDTV से कहा कि केंद्रीय एजेंसियों ने GRAP-III को सख्ती से लागू करना शुरू कर दिया है. मैंने चार राज्यों और चार केंद्रीय मंत्रालयों के साथ बैठक कर रणनीति बनाई थी. निर्माण कार्यों, Demolitions पर रोक लगा दी गयी है. ईंट भत्तों और कई औद्योगिक इकाइयों पर भी रोक लगा दी गई है. BS III पेट्रोल और BS IV डीजल गाड़ियों पर भी रोक लगाई गई है.

केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने कहा कि पहले पंजाब सरकार और दिल्ली सरकार जनता की आंख में धुल झोंकते थे. अब पंजाब में AAP के सरकार है. वो इसे रोकने में असफल हो रहे हैं. पंजाब सरकार को पता नहीं क्यों ये दिखाई नहीं दे रहा है कि दिल्ली में प्रदूषण का एक कारण पराली का जलाना है. हमारे केजरीवाल चुनाव प्रचार कर रहे हैं. उनको पंजाब सरकार को कहने में दिक्कत हो रही है.

केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने कहा, "दिल्ली की जनता मर रही है. स्वयं हमारे परिवार में मेरे जो पोते हैं. उनका घर से निकालना मुश्किल हो रहा है, उनको अस्थमा जैसा हो जाता है. प्रदूषण से हमारा परिवार पीड़ित है. हमारे बच्चे एक हफ्ते से स्कूल नहीं जा पा रहे हैं. पंजाब सरकार को दोषारोपण नहीं करना चाहिए. भारत सरकार प्रदूषण रोकने के लिए हर संभव पहल कर रही है, राज्यों की आर्थिक मदद भी की जा रही है. हम लोगों ने GRAP III लागू किया है. हमने इसे सख्ती से लागू करने का निर्देश दिया है. मुझे विश्वास है कि अगर राज्य अपनी जिम्मेदारी समझेंगे तो हालात बेहतर होंगे."

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अश्विनी चौबे ने कहा, "पिछले साल के मुकाबले अब हालात ठीक हैं. लेकिन हालत चुनौतीपूर्ण हैं. आज भी 1921 के करीब पराली जलाने की घटनाएं पंजाब में हुई हैं. पराली जलने की घटना को और कम करना चाहिए लोगों को समझा बुझा कर. आप ये ना करके दूसरों पर दोषारोपण करते हैं. आम लोगों और परिवारों को घरों में जो छोटे pollution होते हैं उसे रोकें. छोटे बच्चों और बूढ़ों को घर से नहीं निकलना चाहिए. परिवारों  को कोयला या गोयठा नहीं जलना चाहिए. सबको मिलकर सरकार का सहयोग करना चाहिए."

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