माना जा रहा है कि नए मंत्रिमंडल में सचिन पायलट के पांच समर्थक भी शामिल होंगे. (फाइल)
राजस्थान सरकार का नया मंत्रिमंडल आज शपथ ग्रहण करेगा. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने मंत्रिमंडल के सभी सदस्यों के इस्तीफे ले लिए हैं. माना जा रहा है कि सीएम अशोक गहलोत के नेतृत्व वाले नए मंत्रिमंडल में सचिन पायलट के पांच समर्थक भी शामिल होंगे. कांग्रेस आलाकमान के साथ कई दौर की लंबी बातचीत के बाद से ही नए मंत्रिमंडल की जमीन तैयार होने लगी थी. अशोक गहलोत ने इसके लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी सहित अन्य वरिष्ठ पार्टी नेताओं से मुलाकात की थी. माना जा रहा है कि नए मंत्रिमंडल में 30 मंत्री होंगे, जिनमें 15 नए चेहरे और चार को राज्यमंत्री बनाया जा सकता है.
- पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के प्रति वफादार माने जाने वाले पांच विधायकों को मंत्री बनाया जा सकता है. इनमें हेमाराम चौधरी, विश्वेंद्र सिंह और रमेश मीणा कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ले सकते हैं. वहीं बृजेंद्र ओला और मुरारी लाल मीणा को राज्यमंत्री के रूप में शपथ दिलाई जा सकती है.
- डीग-कुम्हेर से दो बार के विधायक विश्वेंद्र सिंह और सपोटरा से विधायक रमेश मीणा को पिछले साल जुलाई में मुख्यमंत्री गहलोत ने सचिन पायलट के साथ बर्खास्त कर दिया था. यह दोनों वापसी कर सकते हैं. विश्वेंद्र सिंह को पर्यटन और देवस्थान मंत्रालयों का जिम्मा सौंपा गया था और मीणा के पास खाद्य और उपभोक्ता मामलों की जिम्मेदारी थी. जबकि हेमाराम चौधरी गुडामलानी से छह बार के विधायक और पूर्व राजस्व मंत्री हैं.
- अन्य नए चेहरों में महेंद्रजीत सिंह मालवीय, रामलाल जाट, महेश जोशी, ममता भूपेश, टीकाराम जूली, भजन लाल जाटव, गोविंद राम मेघवाल और शकुंतला रावत हो सकते हैं, जबकि जाहिदा खान और राजेंद्र सिंह गुढ़ा को राज्यमंत्री बनाया जा सकता है.
- राजस्थान में नए मंत्रिमंडल की भूमिका दिल्ली में कांग्रेस नेता सचिन पायलट और वरिष्ठ नेताओं के बीच कई दौर की बैठकों के साथ ही लिखी जाने लगी थी. अशोक गहलोत ने कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी सहित पार्टी नेताओं से भी मुलाकात की थी. पायलट के आधा दर्जन समर्थकों के मंत्रिमंडल में शामिल होने की संभावना है और उन्हें खुद राजस्थान के बाहर पार्टी में बड़ी भूमिका दी जा सकती है.
- मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के बीच बैठक हुई थी. सूत्रों के मुताबिक, प्रियंका गांधी पिछले हफ्ते एक बैठक में मौजूद थीं. उसी बैठक में कैबिनेट में फेरबदल और राजनीतिक नियुक्तियों का मुद्दा एजेंडे में था.
- अशोक गहलोत के खिलाफ विद्रोह का नेतृत्व करने वाले सचिन पायलट मुख्यमंत्री द्वारा अपने समर्थकों को नए मंत्रिमंडल में शामिल करने की प्रतीक्षा में हैं.
- नए नामों की घोषणा से पहले ही तीन मंत्रियों हरीश चौधरी, रघु शर्मा और गोविंद सिंह डोटासरा ने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर इस्तीफे की पेशकश की. उन्हें पहले ही संगठनात्मक जिम्मेदारी दी जा चुकी है. राजस्व मंत्री और बाड़मेर से विधायक हरीश चौधरी को पंजाब का पार्टी प्रभारी बनाया गया है. उन्हें हाल के राजनीतिक संकट के दौरान पंजाब में एक प्रमुख भूमिका में देखा गया था. अजमेर के केकड़ी से विधायक रघु शर्मा को गुजरात का पार्टी प्रभारी बनाया गया है. वहीं डोटासरा ने राज्य के पार्टी प्रमुख के रूप में पिछले साल ही सचिन पायलट की जगह ली थी.
- सचिन पायलट 2018 में कांग्रेस की जीत के बाद मुख्यमंत्री पद के दावेदार थे, लेकिन राहुल गांधी ने उन्हें उप मुख्यमंत्री के लिए राजी कर लिया. जिसके बाद से ही टकराव जारी है.
- गहलोत मंत्रिमंडल में बसपा के कुछ पूर्व विधायकों को भी शामिल किया जाएगा. इन विधायकों का कांग्रेस में विलय हो गया था, इसी के चलते 200 सदस्यीय सदन में कांग्रेस के लिए बहुमत हासिल करना आसान हो गया था.
- राजस्थान कैबिनेट में अब तक 21 मंत्री थे और अन्य नौ मंत्रियों को शामिल करने की गुंजाइश थी. पिछले दिनों अशोक गहलोत और सचिन पायलट ने कांग्रेस आलाकमान के साथ अलग-अलग मुलाकातें की थी. इस दौरान अशोक गहलोत को साफ संदेश दे दिया गया था कि मंत्रिमंडल के विस्तार में सचिन पायलट के विश्वसनीय विधायकों को स्थान दिया जाए.
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