सामने आ गया ओवैसी का बिहार प्‍लान... जानें किसको होगा फायदा, किसको नुकसान

असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान ने कहा कि उनकी पार्टी अब तीसरे मोर्चे की तैयारी में है. उन्होंने बताया कि महागठबंधन में शामिल होने के उनके प्रस्ताव पर राजद या कांग्रेस की ओर से अभी कोई जवाब नहीं आया है.

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  • बिहार विधानसभा चुनाव नजदीक तमाम पार्टियों ने अपने पत्ते खोलने शूरू कर दिए.
  • ओवैसी की पार्टी ने राजद और कांग्रेस को बातचीत करने का प्रस्ताव भेजा.
  • बिहार चुनाव के लिए तीसरा मोर्चा बनाने की तैयारी में ओवैसी की पार्टी
  • अगर महागठबंधन से बात नहीं बनी तो ओवैसी की पार्टी अपना मोर्चा बनाएगी
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पटना:

बिहार विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आते जा रहे हैं, वैसे-वैसे तमाम पार्टियों ने भी अपने दांव चलने शुरू कर दिए हैं. अब बिहार चुनाव से पहले असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम ने नया पैंतरा चल दिया है. एआईएमआईएम के बिहार प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान ने बताया कि उन्होंने करीब 15 दिन पहले राजद और कांग्रेस के जिम्मेदार लोगों को संदेश भेजा था. इसमें उन्होंने कांग्रेस-राजद और वामदलों के महागठबंधन में शामिल होने की बात कही गई थी.

तीसरे फ्रंट पर क्याPra बोले

उन्होंने आगे कहा कि देखिए कि कौन-कौन दल इसमें आएंगे, यह राज की बात है, यह बाद में खोला जाएगा. वोटर लिस्ट पुनरीक्षण पर उन्होंने कहा कि हमारा प्रतिनिधिमंडल चुनाव आयोग से एक से दो दिन में मिलेगा. पूरे मामले में अपना विरोध दर्ज कराएगी. हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष विरोध दर्ज कर चुके हैं, यह लोग चुपके रास्ते से एनआरसी की तरह काम करना चाह रहे हैं. जिससे दलित महादलित और अल्पसंख्यकों का वोटर लिस्ट से नाम काटा जाए और महाराष्ट्र की तरफ यहां भी खेल किया जाए इसे सफल नहीं होने दिया जाएगा.

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एआईएमआईएम की किन दलों से चल रही है बात

अख्तरुल ईमान ने एनडीटीवी के राजेश कुमार आर्य से कहा कि उनकी पार्टी महागठबंधन से कोई समझौता न होने की स्थिति में उनकी तीसरा मोर्चा बनाने की कोशिशें कर रही है. उन्होंने कहा कि कुछ दलों ने हमारी बातचीत चल रही है. तीसरे के लिए किन दलों से बातचीत चल रही है, इस सवाल पर ईमान ने किसी भी दल का नाम बताने से इनकार कर दिया. जब उनसे यह पूछा गया कि एआईएमआईएम ने 2020 के चुनाव में जिन दलों के साथ चुनाव लड़ा था, क्या उनमें से भी किसी दल से बातचीत चल रही है. इस सवाल का जवाब  ईमान ने हां में दिया. लेकिन उन पार्टियों का नाम बताने से इनकार कर दिया. 

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ईमान ने कहा कि बिहार के हित में, बिहार की नई पीढ़ी के हित में, बिहार के भविष्य हित में और बिहार के सौहार्दपूर्ण वातावरण को बनाए रखने के लिए यह प्रस्ताव दिया है. उन्होंने कहा कि महागठबंधन से गच्चा खाने के बाद भी हमने यह प्रस्ताव दिया है. ईमान से जब यह पूछा कि क्या प्रस्ताव में सीटों की संख्या का भी जिक्र है. इस सवाल पर ईमान ने कहा कि नहीं सीटों की संख्या को लेकर अभी कोई बात नहीं की गई है. उन्होंने कहा कि 2020 में महागठबंधन ने 112 सीटें जीती थीं और एआईएमआईएम ने पांच सीटें जीती थीं, उसी के अनुपात में सीटों के बंटवारे का फार्मूला तय हो सकता है. 

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बिहार के विधानसभा चुनाव में 112  एआईएमआईएम 

दरअसल एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने रविवार को महाराष्ट्र के परभणी में आयोजित एक रैली में इस प्रस्ताव का जिक्र किया था. उन्होंने कहा कि अख्तरुल ईमान ने प्रस्ताव भेजा था कि अगर बीजेपी को दोबारा सत्ता में आने से रोकना है तो आइए हमसे हाथ मिलाइए. 

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एआईएमआईएम ने 2020 का विधानसभा चुनाव ग्रैंड डेमोक्रेटिक सेक्युलर फ्रंट में शामिल होकर लड़ा था. उसने 20 सीटों पर चुनाव लड़ते हुए पांच पर जीत दर्ज की थी. एआईएमआईएम के चार विधायक बाद में राष्ट्रीय जनता दल में शामिल हो गए थे.  ग्रैंड डेमोक्रेटिक सेक्युलर फ्रंट में एआईएमआईएम के अलावा उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोकसमता पार्टी, बसपा, समाजवादी जनता दल डेमोक्रेटिक पार्टी, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी और जनवादी पार्टी (सोशलिस्ट) शामिल था. इनमें से उपेंद्र कुशवाहा अब राष्ट्रीय लोक मंच के नाम से नई पार्टी बनाकर बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए में शामिल हैं. वहीं ओमप्रकाश राजभर की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी भी एनडीए का हिस्सा है. 

साल 2020 के चुनाव में एआईएमआईएम ने जिन 19 सीटों पर चुनाव लड़ा था, उनमें पांच सीटें उसने जीती थीं और चार सीटों पर तीसरा स्थान हासिल किया था. उसे पाच लाख 23 हजार 279 वोट मिले थे. उसने जितने सीटों पर चुनाव लड़ा था, उतने में उसे 1.3 फीसदी वोट मिले थे. एआईएमआईएम ने सभी सीटें बिहार के सीमांचल के इलाके में जीती थीं, जहां मुसलमान आबादी बहुत अधिक है. 

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