विवाद के बाद अरविंद केजरीवाल के कार्यालय ने पीएम से टीवी पर की गई अपील के लिए जताया 'खेद'

सूत्रों ने कहा कि उन्‍होंने (केजरीवाल ने) रेलवे के ऑक्‍सीजन एक्‍सप्रेस के बारे में बात की जबकि रेलवे के सूत्र बताते हैं कि उन्‍होंने इस बारे में रेलवे के साथ कोई बात नहीं की है.

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नई दिल्ली:

कोरोना की दूसरी लहर के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कोरोना संक्रमण से सबसे ज्‍यादा प्रभावित 10 राज्‍यों के मुख्‍यमंत्रियों से मुलाकात की.  देश में कोरोना के नए केसों की संख्‍या आज छलांग लगाते हुए 3.32 लाख तक पहुंच गई है, यही नहीं, पिछले 24 घंटों में 2,263 लोगों को संक्रमण के कारण जान गंवानी पड़ी है. टीवी पर लाइव बातचीत में  दिल्‍ली के सीएम अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने देश की राजधानी के अस्‍पतालों में ऑक्‍सीजन की कमी की ओर ध्‍यान आकर्षित किया. केंद्र सरकार ने बाद में आरोप लगाया कि केजरीवाल इस प्‍लेटफार्म का इस्‍तेमाल राजनीति करने और झूठ फैलाने के लिए कर रहे हैं.सरकार से जुड़े सूत्रों ने बताया कि सीएम केजरीवाल ने पीएम-सीएम मीट को 'राजनीतिक उद्देश्‍य' से इस्‍तेमाल किया. उन्‍होंने ऑक्‍सीजन की सप्‍लाई हवाई मार्ग से पहुंचाने का मुद्दा उठाया, उन्‍हें शायद पता नहीं कि यह पहले से ही किया जा रहा है. इस बीच, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्रियों की बैठक के दौरान दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने भाषण के लाइव प्रसारण के लिए खेद जताया.पीएम मोदी ने 'इन हाउस मीटिंग' के लाइव टेलीकॉस्‍ट को लेकर ऐतराज जताया था जिसके बाद सीएम केजरीवाल ने खेद व्‍यक्‍त किया.

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सूत्रों ने कहा कि उन्‍होंने (केजरीवाल ने) रेलवे के ऑक्‍सीजन एक्‍सप्रेस के बारे में बात की जबकि रेलवे के सूत्र बताते हैं कि उन्‍होंने इस बारे में रेलवे के साथ कोई बात नहीं की है. उन्‍होंने वैक्‍सीन की कीमत के बारे में यह जानते हुए भी झूठ फैलाया कि केंद्र वैक्‍सीन की एक भी डोज अपने पास नहीं रखता और राज्‍यों के साथ साझा करता है. सूत्रों के अनुसार, सभी राज्‍यों ने हालात को बेहतर करने के लिए वे क्‍या कर रहे हैं, इस बारे में बताया जबकि केजरीवाल ने इस बारे में कोई बात नहीं की कि वे क्‍या कर रहे हैं? सूत्र ने यह भी कहा कि ऐसा लगता है कि केजरीवाल 'निचले स्‍तर' पर उतर आए हैं. उनका पूरा भाषण, समाधान तलाशने के लिए नहीं था बल्कि 'राजनीति' करने और जिम्‍मेदारी से बचने पर केंद्रित था. पिछली बार यही केजरीवाल इस तरह की बैठक में बेपरवाह मूड में नजर आए थे. 

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पीएम-सीएम मीट में केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में ऑक्सीजन की फैक्ट्री नहीं है तो क्या दिल्ली के 2 करोड़ लोगों को ऑक्सीजन नहीं मिलेगी. अगर दिल्ली में फैक्ट्री नहीं है तो क्या जिस राज्य में हैं, वो नहीं देंगे. अगर कोई राज्य दिल्ली के कोटे की ऑक्सीजन रोक लें तो मैं केंद्र में फोन उठाकर किससे बात करूं. सीएम केजरीवाल ने कहा कि पीएम मोदी ने सही समय पर कोरोना की बैठक बुलाई. हम दिल्ली के लोगों की ओर से हाथ जोड़कर अपील कर रहे हैं कि कठोर कदम नहीं उठाया गया तो बड़ी त्रासदी हो सकती है.

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सीएम केजरीवाल ने कहा था जहां सबसे ज्यादा दिक्कत आ रही है जहां दिल्ली आने वाली ऑक्सीजन के ट्रक रोके जा रहे हैं. प्रधानमंत्री जी, प्लीज उनके मुख्यमंत्रियों को फोन कर दें, ताकि दिल्ली तक ऑक्सीजन पहुंच जाए. लोग बहुत तकलीफ में हैं. हालात देखे नहीं जा रहे. केजरीवाल ने कहा, 'मैं दिल्ली का सीएम होते हुए भी अपने राज्य के लिए कुछ कर नहीं कर पा रहा है. प्रधानमंत्री जी कोरोना से देश के सभी ऑक्सीजन प्लांट्स को केंद्र टेकओवर करे. और जब ऑक्सीजन का ट्रक चले तो वह आर्मी की निगरानी में चले, ताकि कोई राज्य उसे रोके नहीं.'

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अरविंद केजरीवाल ने कहा कि ऑक्‍सीजन का कोर्ट 480 टन करने के लिए धन्यवाद लेकिन 350 टन ऑक्सीजन ही दिल्ली पहुंच पाई है. ऑक्सीजन की कमी के लिए अस्पताल से फोन बजते रहते हैं. कई मंत्रियों ने मदद की लेकिन अब वो भी थक गए हैं. क्या दिल्ली को ऑक्सीजन नही मिलेगी? अन्य राज्य ऑक्सीजन रोक रहे हैं. सीएम ने कहा, 'दिल्ली में किसी अस्पताल में ऑक्सीजन से मरीज़ मरने की नौबत आ जाये तो केंद्र सरकार से किससे बात करूं ? मुझे पूरी रात नींद नही आती, मुख्यमंत्री होते हुए कुछ नही कर पा रहा हूँ, कोई अनहोनी हुई तो माफ नही कर पाएंगे.' उन्‍होंने कहा कि ऑक्सीजन प्लांट को आर्मी टेक ओवर करे. उड़ीसा और वेस्ट बंगाल से हवाई जहाज से ऑक्सीजन दिलवाई जाए. दिल्ली में ऑक्सीजन आने में दिक्कत आ रही है. मेरी अपील है कि कठोर कदम उठाएं वरना दिल्ली में त्रासदी हो जाएगी. जहां सबसे ज़्यादा ट्रक रोके जा रहे हैं वहां के CM को एक कॉल कर दीजिए सर आप हमारी मदद कीजिए ताकि ऑक्सीजन मिल जाए.मुख्‍यमंत्री केजरीवाल ने आगे कहा कि वैक्सीन के रेट जारी हुए हैं. 1 मई से 18 साल की उम्र से ऊपर वालों को वैक्सीन लगेगी. केंद्र सरकार ने कहा है कि राज्य भी वैक्सीन खरीद सकते हैं. केंद्र को वह वैक्सीन 150 रुपये में और राज्य को 400 रुपये में मिलेगी. वैक्सीन का रेट एक बराबर होना चाहिए. एक देश के दो दाम कैसे हो सकते हैं. देश के लिए 'एक वैक्सीन एक रेट' होना चाहिए.

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