MP Assembly Elections: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) गुरुवार को सुबह कथित शराब घोटाले की जांच को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ED) की पूछताछ में शामिल नहीं हुए. इसके कई घंटे बाद वे मध्य प्रदेश में चुनाव प्रचार करने के लिए चले गए. सिंगरौली (Singrauli) में आयोजित रैली में उन्होंने कहा कि चुनाव परिणाम घोषित होने तक उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है. उन्होंने लोगों से आम आदमी पार्टी को वोट देने का आह्वान किया.
अरविंद केजरीवाल ने मध्य प्रदेश के सिंगरौली विधानसभा क्षेत्र में पंजाब के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता भगवंत मान के साथ रोड शो भी किया.
चुनावी रैली में अरविंद केजरीवाल ने कहा कि, "ये दिल्ली में खड़े होकर रोज धमकी दे रहे हैं कि केजरीवाल को गिरफ्तार कर लेंगे.... हमें गिरफ्तार कर लें तो कोई बात नहीं, केजरीवाल जेल जाने से नहीं डरता. आप केजरीवाल के शरीर को गिरफ्तार करोगे...केजरीवाल के विचारों को कैसे गिरफ्तार करोगे?" आप इस एक केजरीवाल को गिरफ्तार करोगे... आप हजारों, लाखों और करोड़ों केजरीवालों को कैसे गिरफ्तार करोगे?"
दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा कि, ''जिस दिन चुनावों के नतीजे आएंगे, मुझे नहीं पता कि मैं जेल में रहूंगा या बाहर... लेकिन मैं जहां भी रहूं, मुझे सुनने को मिले कि लोग कह रहे हैं कि केजरीवाल सिंगरौली आए थे और सिंगरौली के लोगों ने उन्हें एक ऐतिहासिक जीत के साथ वापस भेजा.”
अरविंद केजरीवाल को सुबह 11 बजे दिल्ली में ईडी के दफ्तर में उपस्थित होने के लिए कहा गया था, लेकिन उन्होंने एजेंसी को पत्र लिखकर समन वापस लेने के लिए कहा. उन्होंने लिखा, ईडी का नोटिस "अवैध और राजनीति से प्रेरित है, जो बीजेपी के इशारे पर भेजा गया है."
किस हैसियत में पूछताछ के लिए बुलाया गया?केजरीवाल अपने दो पेज का पत्र में कहा है कि, "समन में यह साफ नहीं किया गया है कि मुझे एक व्यक्ति के रूप में बुलाया जा रहा है या दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में या आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक के रूप में मेरी आधिकारिक क्षमता में बुलाया जा रहा है. इस पूछताछ की प्रकृति मछली पकड़ने जैसी प्रतीत होती है." .
आम आदमी पार्टी के कई नेताओं सहित दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी को लेकर 'आप' ने आरोप लगाया है कि केंद्र केजरीवाल को गिरफ्तार करना चाहता है जो कि राजनीति से प्रेरित है. इसका एक मात्र मकसद दिल्ली और पंजाब में भारी जीत हासिल करने वाली पार्टी को 'शॉर्ट-सर्किट' करना है.
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