पाकिस्तान से लगने वाली सीमा पर सेना पहले से और मजबूत होने जा रही है. दरअसल, तीन दिन बाद भारत को तीन अपाचे हेलीकॉप्टर की डिलिवरी होने जा रही है, इन सभी हेलीकॉप्टर्स को पाकिस्तान से लगने वाली सीमा पर तैनात किया जाएगा. रक्षा और सुरक्षा प्रतिष्ठानों से जुड़े सूत्रों के अनुसार 'हवा में टैंक' के नाम से भी जाने जाने वाले, AH-64E उन्नत लड़ाकू हेलीकॉप्टर भारतीय वायु सेना (IAF) के हिंडन वायुसेना स्टेशन पर उतरेंगे.
यह (तीनों अपाचे) राजस्थान के जोधपुर में सेना द्वारा अपना पहला अपाचे स्क्वाड्रन स्थापित किए जाने के 15 महीने से भी ज़्यादा समय बाद आ रहा है. हालांकि, आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान और वैश्विक भू-राजनीतिक परिस्थितियों में तेज़ी से बदलाव के कारण हेलीकॉप्टरों की तैनाती बार-बार स्थगित होती रही. भारतीय वायु सेना के दो स्क्वाड्रन पहले से ही सक्रिय हैं - एक पठानकोट में और दूसरा जोरहाट में.
इससे पहले, भारतीय वायु सेना ने 2015 में अमेरिकी सरकार और बोइंग के साथ एक समझौते के तहत 22 अपाचे हेलीकॉप्टर खरीदे थे. अमेरिका ने जुलाई 2020 में भारतीय वायुसेना को सभी 22 अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टरों की आपूर्ति पूरी कर दी थी. उसी वर्ष बाद में, जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प (अपने पहले कार्यकाल के दौरान) भारत आए, तो नई दिल्ली ने छह अपाचे हेलीकॉप्टर खरीदने के लिए 60 करोड़ डॉलर के एक सौदे पर हस्ताक्षर किए.
इसके तहत, पहली खेप मई और जून 2024 के बीच भारत को मिलनी थी। हालाँकि, तैनाती में देरी हुई. 2023 में, भारतीय सेना को अपना पहला AH-64 अपाचे हेलीकॉप्टर हैदराबाद के टाटा बोइंग एयरोस्पेस लिमिटेड से प्राप्त होगा, जो टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड और बोइंग का एक संयुक्त उद्यम है.