पवार फैमिली में एक और चाचा VS भतीजा, अजीत के भतीजे को उनके खिलाफ ही उतार सकते हैं शरद

महाराष्‍ट्र की राजनीति में शरद पवार और अजीत पवार के बीच जारी जंग का केंद्र एक बार फिर बारामती हो सकता है. शरद पवार बारामती विधानसभा सीट से अजीत पवार के सामने युगेंद्र पवार को उतार सकते हैं.

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शरद पवार और अजीत पवार के बीच एक बार फिर घमासान देखने को मिल सकता है.
मुंबई:

महाराष्ट्र (Maharashtra) में जल्द होने जा रहे विधानसभा चुनाव के दौरान फिर एक बार चाचा बनाम भतीजे की लड़ाई देखने मिल सकती है. इस लड़ाई का मैदान भी राज्य का बारामती होगा. राज्य के सियासी गलियारों में चर्चा है कि शरद पवार (Sharad Pawar), अपनी भतीजे अजीत पवार (Ajit Pawar) के खिलाफ उनके भतीजे युगेंद्र पवार को खड़ा कर सकते हैं. अजीत पवार पवार ने भले ही पिछले साल शरद पवार से बगावत कर दी, लेकिन उनके सगे भाई के लड़के युगेंद्र ने शरद पवार के प्रति अपना समर्थन जताया है. 

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लोकसभा चुनाव में जीत हासिल करने के बाद शरद पवार जब पहली बार बारामती पहुंचे तो उनके साथ युगेंद्र पवार भी मौजूद थे. दरअसल, पवार के लिए जनता से मेल-मुलाकात का यह कार्यक्रम युगेंद्र ने ही आयोजित किया था. युगेंद्र अजीत पवार के भाई श्रीनिवास पवार के बेटे हैं. इस मौके पर शरद पवार और युगेंद्र की एक साथ मौजूदगी ने महाराष्ट्र के सियासी हलकों में चर्चा छेड़ दी है कि क्या शरद पवार अब युगेंद्र को भी राजनीति में लॉन्‍च करने जा रहे हैं. 

युगेंद्र को अजीत पवार के खिलाफ उतारने की मांग 

शरद पवार ने साल 2019 में लोकसभा चुनाव नतीजे आने के बाद भी कुछ ऐसा ही किया था. तब नतीजे आने के बाद जब पवार ने पहली बार प्रेस कांफ्रेंस की थी और उस वक्‍त उनकी बगल में पहली बार रोहित पवार नजर आए थे. रोहित, शरद पवार के पोते हैं. उस मौके के बाद रोहित अक्सर शरद पवार के साथ पार्टी के कार्यक्रमों में नजर आने लगे. उसी साल हुए विधानसभा चुनाव में रोहित पवार को टिकट दे दिया गया और वे कर्जत-जामखेड़ सीट से विधायक चुने गए. 

युगेंद्र के अजीत पवार के साथ सार्वजनिक मंच पर साथ नजर आने के बाद एनसीपी (शरदचंद्र पवार) के कार्यकर्ताओं की ओर से मांग उठने लगी है कि उन्हें विधानसभा चुनाव में अजीत पवार के खिलाफ खड़ा किया जाए. 

अजीत पवार को हराना टेढ़ी खीर होगा साबित 

हाल ही में लोकसभा चुनाव के दौरान मुकाबला शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले और अजीत पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार के बीच हुआ था. भले ही यह जंग ननद-भाभी के बीच की देखी गई हो, लेकिन असल में यह लड़ाई शरद पवार और अजीत पवार के बीच थी. इस लड़ाई में बड़े पवार ने बाजी मार ली, लेकिन जल्द होने जा रहे विधानसभा चुनाव में खेल अलग हो सकता है. 2019 का विधानसभा चुनाव अजीत पवार 1 लाख 65 हजार मतों के अंतर से जीते थे और उन्हें 83 फीसदी वोट मिले थे. ऐसे में अगर शरद पवार, युगेंद्र को अजीत पवार के सामने उतारने की सोच रहे हैं तो यह लड़ाई उनके लिए टेढ़ी खीर साबित हो सकती है. 

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युगेंद्र के साथ ही महाराष्ट्र की सियासत में पवार परिवार के एक और सदस्य की एंट्री हो जाएगी. 2019 के लोकसभा चुनाव में भी एक और पवार की एंट्री हुई थी, जब अजीत पवार ने अपने बेटे पार्थ को मावल लोकसभा सीट से उतारा था, लेकिन पार्थ वो चुनाव हार गए. 

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