ज्ञानवापी मस्जिद मामले में सुप्रीम कोर्ट में एक और अर्जी दाखिल, याचिका में कही ये बात

 BJP नेता और वकील अश्विनी उपाध्याय ने ये अर्जी दाखिल की है. याचिका में कहा गया है कि इस्लामिक सिद्धान्तों के मुताबिक- मंदिर तोड़कर बनाई गई मस्जिद वैध नहीं होती.

विज्ञापन
Read Time: 10 mins
ज्ञानवापी मामले में सुप्रीम कोर्ट में नई याचिका दाखिल

ज्ञानवापी मस्जिद मामले (Gyanvapi Masjid case) में सुप्रीम कोर्ट में एक और अर्जी दाखिल हुई है.  BJP नेता और वकील अश्विनी उपाध्याय ने ये अर्जी दाखिल की है. याचिका में मस्जिद कमेटी की अर्जी खारिज करने की मांग की. याचिका में कहा इस्लामिक सिद्धान्तों के मुताबिक- मंदिर तोड़कर बनाई गई मस्जिद वैध नहीं होती.

याचिका में कहा कि 1991 का प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट किसी धार्मिक स्थल के स्वरूप को निर्धारित करने से नहीं रोकता. उपाध्याय ने याचिका में कहा कि उनका पक्ष भी सुना जाए और पक्षकार बनाया जाए. इससे पहले 2021 में उपाध्याय ने प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया था.

अश्विनी उपाध्याय ने सुप्रीम कोर्ट में दायर हस्तक्षेप याचिका में कहा है संविधान का अनुच्छेद 13 (2) राज्य को मौलिक अधिकारों को छीनने के लिए कानून बनाने पर रोक लगाता है, लेकिन 1991 का कानून हिंदुओं, जैन, बौद्ध, व सिखों के अधिकारों को छीनता है, जो बर्बर आक्रमणकारियों द्वारा नष्ट किए गए अपने 'पूजा स्थलों और तीर्थस्थलों' को वापस पाने की कोशिश करते हैं. इस कानून में भगवान राम के जन्मस्थान को शामिल नहीं किया गया है, लेकिन इसमें भगवान कृष्ण का जन्मस्थान शामिल है, हालांकि दोनों ही  भगवान विष्णु के अवतार हैं और पूरी दुनिया में समान रूप से पूजे जाते हैं, इसलिए यह मनमाना है.

Advertisement

ये VIDEO भी देखें- ज्ञानवापी केस में जिला अदालत में सुनवाई, पहले मुस्लिम पक्ष की अर्जी पर फैसला करेंगे जज

Featured Video Of The Day
Rajasthan: Dausa में दर्दनाक सड़क हादसा, ट्रक और कार की टक्कर में 4 लोगों की मौत | Breaking News
Topics mentioned in this article