जम्मू-कश्मीर में हिंदुओं की टारगेट किलिंग को लेकर एक और याचिका शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट पहुंची. अखिल भारत हिंदू महासभा ने सुप्रीम कोर्ट में सीजेआई और अन्य जजों को पत्र लिखकर पूरे मामले में स्वत: संज्ञान लेने की गुहार लगाई है. पत्र याचिका में कश्मीरी हिंदुओं को सुरक्षा मुहैया कराने की मांग की गई है. साथ ही उनकी हत्या की जांच राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी से कराने की मांग की है. इसके अलावा मृतकों के परिजनों को सरकारी नौकरी और दो करोड़ रुपये मुआवजा देने की भी मांग पत्र में की गई है.
निगरानी के लिए एक टास्क फोर्स बनाएं
पत्र याचिका में कहा गया है कि मई में सात कश्मीरी हिंदुओं की हत्या की गई, जिसमें 3 पुलिस वाले और तीन नागरिक शामिल हैं. ऐसे में आतंकवाद की निगरानी के लिए एक टास्क फोर्स बनाएं. साथ ही घटना को अंजाम दे रहे ऐसे आतंकी संगठनों के स्लीपर सेल का सफाया किया जाए. इससे पहले वकील विनीत जिंदल ने भी सुप्रीम कोर्ट में पत्र याचिका दाखिल की है. याचिका में कश्मीर में हिन्दू अल्पसंख्यकों को तत्काल सुरक्षा मुहैया कराने का निर्देश देने की मांग की गई है.
सरकारी नौकरी देने की मांग की गई
साथ ही हिंदुओं की टारगेट किलिंग की राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी से जांच कराने की मांग भी की गई है. इसके अलावा पीड़ित परिवार को एक करोड़ का मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग की गई है. पत्र याचिका में कहा गया है कि मई के महीने में कश्मीर में सात हिंदुओं की टारगेट किलिंग हुई. 31 मई को कुलगाम में स्कूल में हिन्दू अध्यापिका की हत्या की गई. इससे पहले मई में तीन कश्मीरी नागरिकों और पुलिस के तीन जवानों की हत्या की गई. कश्मीर में हो रही टारगेट किलिंग 1989-90 की घटनाओं की याद दिलाती है.
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