- पंजाब के रूपनगर से पहली बार मालगाड़ी कश्मीर घाटी के अनंतनाग गुड्स शेड तक सफलतापूर्वक पहुंची है.
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस कनेक्टिविटी को जम्मू-कश्मीर में वाणिज्य और प्रगति के लिए महत्वपूर्ण बताया है.
- मालगाड़ी में सीमेंट के 21 बीसीएन वैगन थे. 600 किलोमीटर की यह यात्रा 18 घंटे से भी कम समय में पूरी हुई.
पंजाब के रूपनगर से पहली बार एक मालगाड़ी सफलतापूर्वक कश्मीर घाटी के अनंतनाग गुड्स शेड तक पहुंची. इस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रतिक्रिया दी. पीएम मोदी ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के एक्स पोस्ट को रिपोस्ट करते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर में वाणिज्य और कनेक्टिविटी के लिए यह एक बेहतरीन दिन है. इससे प्रगति और समृद्धि दोनों बढ़ेंगी.
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर पोस्ट कर कहा कि पंजाब से पहली मालगाड़ी कश्मीर घाटी में नवनिर्मित अनंतनाग गुड्स शेड पहुंची, जो कश्मीर क्षेत्र को राष्ट्रीय माल ढुलाई नेटवर्क से जोड़ने में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है. रेलवे नेटवर्क द्वारा परिवहन से कश्मीर घाटी में रहने वाले हमारे नागरिकों के लिए लागत कम होगी.
यह महत्वपूर्ण उपलब्धि है: सीपीआरओ, उत्तर रेलवे
उत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी हिमांशु शेखर उपाध्याय ने कहा कि क्षेत्रीय कनेक्टिविटी के लिए एक ऐतिहासिक विकास में, पंजाब के रूपनगर से पहली बार एक मालगाड़ी सफलतापूर्वक कश्मीर घाटी के अनंतनाग गुड्स शेड तक पहुंची है. यह कश्मीर क्षेत्र को राष्ट्रीय माल ढुलाई नेटवर्क से जोड़ने में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है. सीमेंट से लदी मालगाड़ी के आगमन से बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में तेजी आएगी और कश्मीर के लोगों के जीवन स्तर में सुधार होगा.
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18 घंटे से कम वक्त में 600 किमी की यात्रा
उन्होंने कहा कि उद्घाटन मालगाड़ी में सीमेंट के 21 बीसीएन वैगन लदे थे. लगभग 600 किलोमीटर की यह यात्रा शनिवार को 18 घंटे से भी कम समय में नवनिर्मित अनंतनाग गुड्स शेड पर पूरी हुई. यह आयोजन कश्मीर क्षेत्र में लॉजिस्टिक और आर्थिक विकास के एक नए युग का समर्थन करने के लिए इसकी तत्परता को दर्शाता है. इस ट्रेन में परिवहन किए जाने वाले सीमेंट का उपयोग कश्मीर घाटी में सड़कों, पुलों, सार्वजनिक बुनियादी ढांचे और आवासीय भवनों के निर्माण सहित महत्वपूर्ण परियोजनाओं के लिए किया जाएगा.
प्रगति और एकीकरण का एक सशक्त प्रतीक
उन्होंने कहा कि इस अभूतपूर्व यात्रा के लिए लॉजिस्टिक व्यवस्था को सटीकता के साथ क्रियान्वित किया गया. 7 अगस्त की रात 11:14 बजे उत्तर रेलवे को एक इंडेंट भेजा गया, जिसके बाद अगले दिन 8 अगस्त को सुबह 9:40 बजे रेक की व्यवस्था की गई. 8 अगस्त की शाम 6:10 बजे लदान पूरा हो गया और ट्रेन शाम 6:55 बजे पंजाब के रूपनगर स्थित गुजरात अंबुजा सीमेंट लिमिटेड (जीएसीएल) सुविधा से रवाना हुई. मालगाड़ी को इलेक्ट्रिक वेब-9 लोकोमोटिव द्वारा ले जाया गया, जो राष्ट्रीय रेल नेटवर्क की आधुनिक क्षमताओं को दर्शाता है. इस पहली मालगाड़ी का आगमन न सिर्फ एक लॉजिस्टिकल उपलब्धि है, बल्कि प्रगति और एकीकरण का एक सशक्त प्रतीक है, जो एक अधिक संबद्ध और समृद्ध कश्मीर घाटी का मार्ग प्रशस्त करता है.