अनिरुद्धाचार्य का विवादित बयान: महिलाओं के चरित्र पर टिप्पणी ने छेड़ दी बहस! जानें क्या है पूरा मामला

ये बात नहीं अनिरुद्धाचार्य की बदजुबानी है. उन्होंने बात ही ऐसी कही है. जिसे अपनी जुबान से दोहराना तो क्या हम आपको वो पूरी बात टीवी पर भी नहीं दिखा सकते लेकिन इसी मुद्दे पर कचहरी जरूर लगा सकते हैं और यही आज कर भी रहे हैं.

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  • वृंदावन में गौरी गोपाल आश्रम के प्रमुख अनिरुद्धाचार्य ने लड़कियों के चरित्र को लेकर विवादित बयान दिया
  • अनिरुद्धाचार्य ने समाज और परिवार की महिलाओं की भूमिका को सार्वजनिक मंच पर नकारात्मक तरीके से व्याख्यायित किया
  • उनके इस बयान के खिलाफ मथुरा समेत कई स्थानों पर महिलाओं ने विरोध प्रदर्शन किया है
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नई दिल्ली:

खुद को आध्यात्मिक संत बताने वाले कथावाचक अनिरुद्धाचार्य बड़े मशहूर हैं. वह वृंदावन में गौरी गोपाल आश्रम के प्रमुख हैं लेकिन अनिरुद्धाचार्य की बात करें उससे पहले आध्यात्मिक शब्द को जरा समझ लेते हैं. सरल शब्दों में कहें तो आध्यात्मिक का अर्थ होता है एक ऐसा व्यक्ति जिसमें संत के लक्षण हों वाणी और व्यवहार में सादगी हो, सरलता हो और विनम्रता हो. सबके लिए सम्मान का भाव रखता हो, सही बातें कहता हो, लोगों को सही राह दिखाता हो. कथावाचक अनिरुद्धाचार्य भी खुद को लोगों के आगे इसी अंदाज में पेश करते हैं.

आप उनका पहनावा ओढ़ावा देखें, पूरे ललाट पर लाल चंदन, बीच में त्रिपुंड लंबे बाल, गले में रुद्राक्ष, अंगवस्त्र जैसी तमाम साज सज्जा के साथ नजर आते हैं. लोगों को भगवान की कथा सुनाकर तरह तरह के उदाहरण देकर सही राह दिखाने का दावा करने वाले अनिरुद्धाचार्य के बारे में हमने जो इतनी बातें कही हैं. उनके पीछे खास वजह है. अनिरुद्धाचार्य का एक बयान वायरल हो रहा है जिसमें वो लड़कियों को लेकर एक बात कहते दिखाई देते हैं.

दरअसल, ये बात नहीं अनिरुद्धाचार्य की बदजुबानी है. उन्होंने बात ही ऐसी कही है. जिसे अपनी जुबान से दोहराना तो क्या हम आपको वो पूरी बात टीवी पर भी नहीं दिखा सकते लेकिन इसी मुद्दे पर कचहरी जरूर लगा सकते हैं और यही आज कर भी रहे हैं. सवाल है संदेश और सीख के नाम पर. ज्ञान बांटने के नाम पर बाबाओं को महिलाओं के चरित्र हनन का सर्टिफिकेट किसने दिया. क्यों बार बार लड़कियों को टारगेट किया जाता है. लड़कों को फुल आजादी और नैतिकता के कठघरे में खड़ी रहे आधी आबादी? 

भगवान की कृपा का मैंने खूब नजदीक से अनुभव किया है जो लोग कहते हैं कि भगवान कहां हैं क्यों नहीं दिखते, ये सब व्यर्थ की बातें हैं. जब अनुभव में आएंगी बातें तो सारे सवाल खत्म हो जाएंगे. वृंदावन वाले अनिरुद्धाचार्य ने भगवान की असीम कृपा का दावा ऐसे किया जैसे संसार का सारा तत्व ज्ञान हासिल कर लिया हो. वैसे ज्यादा चकित होने की जरूरत नहीं है. माइक सामने आने पर बाबा हर बार इसी तरह चालू हो जाते हैं लेकिन इस बार सज धज कर मंच पर बैठे तो भूल गए कि बेबाक़ी और बदजुबानी में बड़ा ही महीन फर्क होता है. 

अनिरुद्ध वैसे तो भगवान श्रीकृष्ण के पुत्र का नाम है लेकिन इसका एक अर्थ निर्बाध भी होता है. अनिरुद्धाचार्य ने इसी बाद वाले अर्थ को ग्रहण किया और सिर्फ चार शब्दों में लड़कियों का पूरा सामाजिक, चारित्रिक और पारिवारिक विश्लेषण कर दिया. हालांकि, इसके बाद भी रुके नहीं जो लड़कियां किसी की बेटी, किसी की बहन, किसी की बहू होती हैं उनके बारे में अनिरुद्धाचार्य के मुख श्री से बदजुबानी का वाहियात सिलसिला जारी रहा.

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अनिरुद्धाचार्य लड़कियों के चरित्र की ये मीमांसा इसी साल मार्च के महीने में मेरठ में हुए सौरभ हत्याकांड और मई में हुई इंदौर के राजा रघुवंशी की हत्या के आईने में कर रहे थे लेकिन जुबान का ब्रेक तो पहले ही फेल हो चुका था.

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अनिरुद्धाचार्य ने अपने दिमाग से उपजी समाज संहिता का सार्वजनिक मंच से बखान किया तो विवाद तय था और वही हुआ भी. उनके वाहियात बयान के खिलाफ महिलाएं उठ खड़ी हुईं. विरोध की सबसे मजबूत आवाज़ उसी मथुरा से उठी. जिससे सटे वृंदावन में अनिरुद्धाचार्य आश्रम चलाते हैं. 

जैसा विरोध वृंदावन में दिखा. विरोध का वैसा ही ताप बाबा को लखनऊ और भोपाल में भी महसूस कराने की कोशिश की गई. कथावाचक के तौर पर अनिरुद्धाचार्य यानी अनिरुद्ध राम तिवारी गजब पॉपुलर हैं. सोशल मीडिया पर कमाल की प्रेजेंस है.भक्त उनकी कथा सभा में जगह पाने का इंतज़ार करते हैं लेकिन ये सब एक दिन में नहीं हुआ. इसके पीछे उनकी बरसों की मेहनत है. आज उनके सभा मंडप में महिलाओं की भी बड़ी संख्या होती है. लेकिन बेटियों पर उनके ताजा ताजा वायरल हुए बयान ने महिलाओं को उनके खिलाफ खड़ा कर दिया. 

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आजकल लोगों को अध्यात्म का महत्व बताने वाले अनिरुद्धाचार्य खुद कह चुके हैं कि एक जमाने में वो ट्रक के खलासी थे. ज़ाहिर है इस मुकाम तक पहुंचने के लिए उन्होंने पढ़ाई भी की और मेकओवर पर भी पूरी मेहनत की. बेटियों पर वायरल बयान से उनके ज्ञान के स्तर पर भले ही सवाल उठ रहे हों लेकिन मेकओवर का परिणाम करोड़ों की दौलत के रूप में प्रकट हो चुका है.

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