आदिवासी ब्लॉक कुरई के ग्राम सिमरिया एवं सागर के 2 आदिवासियों की जघन्य हत्याकांड की जांच के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा गठित जांच दल को गांव में भारी विरोध का सामना करना पड़ा. लोग शिवराज सरकार मुर्दाबाद के नारों के साथ ही आरोपियों पर बुलडोजर की कार्रवाई की मांग कर रहे थे. ग्रामीणों के विरोध के कारण राज्यसभा सांसद सम्पतिया उइके सहित अन्य लोगों को गांव से वापस आना पड़ा. जांज दल में भाजपा के राष्ट्रीय सचिव ओमप्रकाश धुर्वे सहित कई नेता शामिल थे.लोगों ने मांगे पूरी नहीं होने पर 9 मई को सिवनी बंद का आह्वान किया है.
बताते चलें कि मध्य प्रदेश के सिवनी जिले में दो आदिवासी युवकों की पीट-पीटकर हत्या कर दी गयी थी. हत्या का आरोप बजरंग दल के पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं पर लगा था. बताया जा रहा है कि बजरंग दल के लोगों द्वारा 2 आदिवासियों को गोवंश हत्या (Cow Slaughter) के शक में पकड़ा था और उन लोगों की इतनी पिटाई की थी कि दोनों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई थी.
घटना के बाद से लोगों में आक्रोश देखने को मिल रहा है. लोगों ने घटना के बाद कुरई के नेशनल हाईवे को जाम कर दिया था. घटना की जानकारी लगते ही बरघाट विधायक अर्जुन काकोडिया भी मौके पर गए थे. विधायक ने मांग की थी कि जैसा कि शिवराज सरकार पूरे मध्य प्रदेश में आरोपियों के घरों पर बुलडोजर चला रही है, वैसे ही इन आरोपियों के घर पर ही तत्काल बुलडोजर चलाया जाए.
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