अमरावती हत्याकांड : केमिस्ट का एक दिन पहले मर्डर करने वाले थे हत्यारे, लेकिन ऐसे हो गया था प्लान फेल

देश की शीर्ष आतंकवाद निरोधी संस्था राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने इस मामले को अपने हाथ में ले लिया है.

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अमरावती के केमिस्ट उमेश कोल्हे की 21 जून की हत्या कर दी गई थी.

मुंबई:

अमरावती के केमिस्ट उमेश कोल्हे की हत्या की पहली कोशिश 20 जून को की गई थी. उसके बाद अगले दिन 21 जून को गला काटकर उनका मर्डर कर दिया गया. यह उदयपुर हत्याकांड जैसा ही मामला है, जहां एक सप्ताह बाद एक टेलकर की गला काटकर हत्या कर दी गई थी. 

54 वर्षीय उमेश कोल्हे पर 21 जून को महाराष्ट्र के अमरावती में उनकी मेडिकल दुकान से वापस जाते समय मोटरसाइकिल पर दो लोगों ने हमला किया और उनकी हत्या कर दी थी.

सूत्रों का कहना है कि हत्यारों ने एक दिन पहले उसकी हत्या की कोशिश की थी. लेकिन उस दिन कोल्हे बच गए, क्योंकि वह अपनी दुकान जल्दी बंद करके चले गए थे. हत्यारों ने पहले दुकान की रेकी की थी, उनके मुताबिक, वह रात 10-10.30 बजे अपनी दुकान बंद कर देंगे. लेकिन उस दिन वो करीब रात 9.30 बजे ही दुकान बंद करके चले गए थे.

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कोल्हे की कथित तौर पर भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा का समर्थन करने पर हत्या कर दी गई थी. नूपुर शर्मा ने पैगंबर मुहम्मद पर विवादित टिप्पणी थी, जिसके बाद भारत के साथ-साथ विदेश में भी आक्रोश देखने को मिला. 

केमिस्ट कोल्हे "ब्लैक फ्रीडम" नाम के एक व्हाट्सएप ग्रुप का हिस्सा थे, जिसमें हिंदू और मुस्लिम दोनों सदस्य हैं. व्हाट्सएप चैट पर, कोल्हे ने कथित तौर पर नूपुर शर्मा के समर्थन में कुछ धार्मिक टिप्पणियां की थीं.  पोस्ट को उनके दोस्त और ग्राहक यूसुफ खान, एक पशु चिकित्सक, ने अन्य व्हाट्सएप ग्रुपों पर शेयर कर दिया. इन्हीं में से एक व्हाट्सएप ग्रुप था "कलीम इब्राहिम".

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पुलिस सूत्रों का कहना है कि इस समूह के सदस्य इरफान खान टिप्पणियों को लेकर भड़क गए थे. पुलिस का कहना है कि उसने पांच और सदस्यों के साथ हत्या की योजना बनाई थी. यूसुफ खान, जो मुस्लिम परिवारों की मदद के लिए "रहबर" नाम का एक एनजीओ चलाता है. यहां तक ​​कि कोल्हे अंतिम संस्कार के दौरान उनके परिवार से मिलने भी गया था.

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कोल्हे की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किए गए सात लोगों में इरफान खान और यूसुफ खान भी शामिल हैं.

देश की शीर्ष आतंकवाद निरोधी संस्था राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने इस मामले को अपने हाथ में ले लिया है, जो उदयपुर हत्याकांड से एक सप्ताह पहले हुआ था.

नूपुर शर्मा को पिछले महीने भाजपा ने पैगंबर मोहम्मद पर टिप्पणी करने पर पार्टी से निलंबित कर दिया था. 

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