बाघों की संख्या बढ़ने पर अमिताभ बच्चन ने दिया खास संदेश, NDTV के स्पेशल Telethon को किया याद

अमिताभ बच्चन ने कहा कि कुछ साल पहले इस परियोजना के प्रति जुनूनी एनडीटीवी ने मुझे 'सेव द टाइगर' अभियान के राजदूत के रूप में शामिल होने का अवसर दिया. यह मेरे लिए बहुत गर्व का क्षण था. 

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नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में बाघों की मौजूदा आबादी के आंकड़े रविवार को जारी किए. उन्होंने बताया कि भारत में वर्ष 2022 तक बाघों की आबादी 3,167 दर्ज की गई है. बॉलीवुड अभिनेता अमिताभ बच्चन ने बाघों की आबादी में हुई बढ़ोतरी को लेकर देश के लोगों को बधाई दी है. उन्होंने कहा कि अप्रैल 1973 में, भारत ने बाघ संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट 'टाइगर' लॉन्च किया था. कुछ साल पहले इस परियोजना के प्रति जुनूनी एनडीटीवी ने मुझे 'सेव द टाइगर' अभियान के राजदूत के रूप में शामिल होने का अवसर दिया. यह मेरे लिए बहुत गर्व का क्षण था. 

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अमिताभ बच्चन ने कहा कि इस अभियान के दौरान हमलोगों ने कई कार्यक्रम किए थे. हमने एक टेलीथॉन भी किया था जो जंगल में आयोजित हुआ था. उन्होंने कहा, "भारत दुनिया की बाघों की 70 फीसदी आबादी का घर है. अगले 50 वर्षों में हमें इस खजाने की रक्षा करनी चाहिए. बाघों को सुरक्षित रखना हर भारतीय का कर्तव्य है."

गौरतलब है कि‘प्रोजेक्ट टाइगर' के 50 साल पूरे होने के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘इंटरनेशनल बिग कैट अलायंस' (आईबीसीए) की शुरुआत की. आईबीसीए का उद्देश्य बाघ और शेर समेत दुनिया की ‘बिग कैट' परिवार की सात प्रमुख प्रजातियों की रक्षा एवं संरक्षण करना है.

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मोदी ने ‘अमृत काल का टाइगर विजन' नाम की एक पुस्तिका का विमोचन भी किया, जो अगले 25 वर्षों में देश में बाघों के संरक्षण के लिए दृष्टिकोण पेश करती है. 'स्टेटस ऑफ टाइगर्स-2022' में अपने संदेश में मोदी ने महाभारत के 'उद्योग पर्व' से एक संस्कृत श्लोक का जिक्र किया गया है, जिसमें कहा गया है, ‘‘निर्वनो वध्यते व्याघ्रो निर्व्याघ्रं छिद्यते वनम्. तस्माद्व्याघ्रो वनं रक्षेद्वनं व्याघ्रञ्च पालयेत्॥।'' इसका अर्थ है, ‘‘जंगल नहीं होने पर बाघ मारे जाते हैं, यदि बाघ नहीं होते, तो जंगल नष्ट हो जाता है. इसलिए, बाघ जंगल की रक्षा करता है और जंगल, बाघ की रक्षा करता है.''

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