मणिपुर में एक बार फिर हिंसा भड़क गई है. हिंसा की ताजा घटनाओं में 5 लोगों की मौत हुई है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सोमवार को चार दिवसीय यात्रा पर मणिपुर जाएंगे. इस दौरान वह राज्य की स्थिति का आकलन करने और सामान्य स्थिति बहाल करने को लेकर योजना बनाने के लिए सुरक्षा संबंधी बैठकें करेंगे. मणिपुर में तीन मई को शुरू हुए जातीय संघर्ष के बाद अमित शाह का इस पूर्वोत्तर राज्य का यह पहला दौरा है.
सूत्रों ने बताया कि गृह मंत्री अमित शाह 29 मई से एक जून तक राज्य में रहेंगे. वह आज शाम इंफाल पहुंचेंगे. उन्होंने बताया कि शाह स्थिति का आकलन करने और सामान्य स्थिति बहाल करने के वास्ते आगे की कार्रवाई को लेकर योजना बनाने के लिए सुरक्षा बैठकें करेंगे. उनके नागरिक समाज के प्रतिनिधियों और मेइती तथा कुकी समुदायों के विभिन्न समूहों से भी मिलने की उम्मीद है.
असम में हाल ही में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शाह ने कहा था कि वह जल्द ही मणिपुर जाएंगे. केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने इंफाल में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि जारी संकट का समाधान करने के लिए शाह 29 मई को मणिपुर आएंगे. मेइती समुदाय द्वारा अनुसूचित जनजाति (एसटी) के दर्जे की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च' के आयोजन के बाद से मणिपुर में जातीय झड़पों में 75 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है.
मणिपुर की 53 प्रतिशत आबादी मेइती समुदाय की है और ये मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहते हैं. आदिवासियों- नगा और कुकी की आबादी 40 प्रतिशत है और ये पर्वतीय जिलों में रहते हैं. मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने रविवार को कहा था कि सुरक्षा बलों ने राज्य में शांति कायम करने के लिए अभियान शुरू करने के बाद से मकानों में आगजनी और लोगों पर गोलीबारी करने में शामिल हथियारों से लैस करीब 40 उग्रवादियों को मार गिराया गया है.
अमित शाह ने मणिपुर में हिंसा के अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का 15 मई को निर्देश दिया था और राज्य में स्थायी शांति सुनिश्चित करने में केंद्र के पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया था.
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