मोदी सरकार किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध : अमित शाह

गृह मंत्री ने कहा कि सरकार ने कैबिनेट की बैठक में अनेक योजनाओं को मंजूरी दी है जो किसानों के कल्याण के उसके संकल्प को दर्शाती हैं.

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नई दिल्ली:

गन्ने के अब तक के सर्वाधिक उचित और लाभकारी मूल्य को केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा मंजूरी दिये जाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार जताते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को कहा कि मोदी सरकार किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है. प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में 2023-24 सत्र के लिये गन्ने का उचित और लाभकारी मूल्य (एफआरपी) 10 रुपये बढ़ाकर 315 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया.

एफआरपी वह न्यूनतम मूल्य है, जिस पर चीनी मिलें किसानों से गन्ना खरीदती हैं. गन्ने का पेराई सत्र अक्टूबर से शुरू होता है. शाह ने कहा, ‘‘मोदी सरकार किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है. आज मंत्रिमंडल द्वारा गन्ना किसानों के लिए अब तक के सर्वाधिक उचित और लाभकारी मूल्य को मंजूरी देने के लिए प्रधानमंत्री मोदी का आभार. इस फैसले से करीब पांच करोड़ गन्ना किसानों को और चीनी मिलों में काम कर रहे लाखों श्रमिकों को लाभ होगा.''

गृह मंत्री ने कहा कि सरकार ने कैबिनेट की बैठक में अनेक योजनाओं को मंजूरी दी है जो किसानों के कल्याण के उसके संकल्प को दर्शाती हैं. उन्होंने कहा, ‘‘इन योजनाओं से किसानों की खेती की लागत कम होगी और उत्पादकता बढ़ेगी. साथ ही प्राकृतिक खेती, नैनो यूरिया और जैविक खाद जैसे नए विकल्पों को बढ़ावा देने से कृषि में उपयोग होने वाली भूमि की स्थिति में भी बहुत सुधार आएगा.''

शाह ने मंत्रिमंडल की बैठक में राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन विधेयक को मंजूरी दिये जाने पर भी प्रधानमंत्री को धन्यवाद ज्ञापित किया. उन्होंने कहा, ‘‘50,000 करोड़ रुपये के कुल आवंटन के साथ यह भारत के लिए वैज्ञानिक अनुसंधान के मार्गदर्शन का रास्ता साफ करेगा.'' केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन (एनआरएफ) विधेयक 2023 को संसद में पेश करने को मंजूरी दे दी. इससे राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन (एनआरएफ) की स्थापना का मार्ग प्रशस्त होगा.

मंत्रिमंडल ने वैकल्पिक उर्वरकों को बढ़ावा देने और रासायनिक उर्वरकों के प्रयोग को कम करने के मकसद से राज्यों को प्रोत्साहित करने के लिए नई योजना ‘पीएम-प्रणाम' को भी मंजूरी दी. साथ ही, 3.68 लाख करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ मौजूदा यूरिया सब्सिडी योजना को मार्च 2025 तक जारी रखने का भी फैसला किया.

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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